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छतरपुर में बन रहा दिल्ली का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर

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नई दिल्ली (इंविसंके). दिल्ली में कोरोना संक्रमण को लेकर स्थिति गंभीर होती जा रही है. पहले केंद्र सरकार ने स्थिति को संभालने के लिए कमान अपने हाथ में ली. अब सामाजिक, धार्मिक संस्थाएं सहयोग के लिए आगे आ रही हैं. राधा स्वामी सत्संग ब्यास ने दिल्ली में 10 हजार बेड का कोविड केयर सेंटर बनाने की घोषणा की है. जिसमें कोरोना संक्रमितों का उपचार किया जाएगा. जिस पर काम भी शुरू हो गया है.

दिल्ली के छतरपुर स्थित डेरा गांव के पास राधा स्वामी सत्संग व्यास में 10 हजार बेड का विश्व का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर बनाया जाएगा. इससे पहले चीन में जो सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर बना था, उसमें 6 हजार बेड थे. आगामी एक सप्ताह के अंदर यहां एक हजार बेड का कोविड केयर सेंटर आईटीबीपी के सहयोग आरम्भ भी हो जाएगा. इसके बाद अस्पताल का विस्तार होता जाएगा. जिसके अंतर्गत 2 हजार बेड जल सेना, 2 हजार बेड वायु सेना के सहयोग से तथा इसी तरह अन्य सैन्य बलों के सहयोग से बेड की संख्या बढ़ती जाएगी. इस प्रकार कोविड केयर सेंटर में कुल मिलाकर 10 हजार बेड की व्यवस्था होगी, जिसमें ऑक्सीजन बेड भी होंगे.

प्राप्त जानकारी के अनुसार सेंटर में री-साईकिलेबल गत्ते के बेड का भी उपयोग किया जाएगा. जहां दो बेड के बीच पर्याप्त दूरी रखी जाएगी. 1500 डॉक्टर और नर्स यहाँ मरीजों की देखभाल के लिए उपलब्ध रहेंगे. यहाँ निःशुल्क भोजन सहित सभी तरह की सुविधाएं रहने वाली हैं. राधास्वामी सत्संग यहां जगह देने के साथ मरीजों को भोजन भी उपलब्ध करवाएगा. अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर डॉक्टर, पेरामेडिकल स्टाफ अभी आई.टी.बी.पी द्वारा उपलब्ध करवाए करवाए जा रहे हैं, इसमें दक्षिण जिले के डी.एम. डॉ. मिश्रा का विशेष योगदान है.

कार्य में स्थानीय एस.डी.एम. सोनालिका भी सहयोग दे रही हैं. उन्होंने बताया कि स्वयंसेवक के नाते हम लोग भी जैसा सहयोग वह मांगते हैं, वह उनको दे रहे हैं.

गौरतलब है कि डेढ़ महीने पूर्व राधा स्वामी सत्संग ब्यास के प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने प्रस्ताव रखा था कि अभी यहाँ सत्संग भवन में अनुयायियों का आना-जाना नहीं है. इसलिए इसे कोरोना के इलाज के लिए उपयोग में लाया जा सकता है. इसके बाद यहां पर कोविड केयर सेंटर बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई. इस कार्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक भी यथासंभव सहयोग कर रहे हैं.

डॉ. बी.एम मिश्रा ने बताया अभी प्रयास यही है कि इस अस्पताल को साकार रूप दे पाएं. कोविड पॉजिटिव होने वाले मरीजों को जो भी परेशानी हो रही है, हमारा प्रयास है उनको यहाँ अच्छा ट्रीटमेंट मिले. कोशिश यह भी है कि यहाँ कुछ आरक्षित बेड रखें, जो कोविड हेल्प सेंटर की कैटगरी में आ जाते हैं या के.एच. सेंटर से एक ऊपर की कैटगरी में ताकि थोड़ा बहुत अगर सीरियस पेशेंट भी हो, उसे भी हम यहां रख सकें.

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