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जयपुर में रंगमंच को बनाया माध्यम – नाटक में सेना को कहा वहशी

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बाड़मेर में शहीद स्मारक में असामाजिक तत्वों ने की तोड़फोड़

जयपुर/बाड़मेर. पूरा देश पुलवामा में सैनिकों के बलिदान पर शोक ग्रस्त है. देश वीर सैनिकों के परिवारों के साथ खड़ा है, दिलखोलकर आर्थिक सहयोग किया है. लेकिन ऐसे कुछ असामाजिक तत्व भी हैं, जो शर्मनाक हरकतें कर माहौल बिगाड़ने का प्रयास भी कर रहे हैं. जयपुर में असामाजिक तत्वों ने रंगमंच के माध्यम से कश्मीर में सेना की कार्रवाई पर प्रहार किया, दूसरी ओर बाड़मेर में रात के अंधेरे में शहीद स्मारक में तोड़फोड़ की.

जवाहर कला केंद्र की ओर से आयोजित नवरस समारोह में कश्मीर के हालात पर ‘ईदगाह का जिन्नात‘ नाटक का मंचन किया गया. इसमें पत्थरबाजों को कहा गया कि – तुम भी आर्मी की तरह वहशी हो गए हो. कश्मीर की जन्नत ईदगाह शहीदों की कब्रगाह बनेगी. चैक पोस्ट पर हनुमान चालीसा बंद करवाकर हनुमान जी पर अभद्र टिप्पणी की गई. नाटक का लेखन और निर्देशन अभिषेक मजूमदार ने किया है.

यह देखकर दर्शक आक्रोशित हो गए और बाहर आकर प्रदर्शन करने लगे. दर्शकों का कहना था कि कश्मीर के वर्तमान हालात में भारतीय सेना को हतोत्साहित करने का काम किया जा रहा है. लोगों ने मंगलवार को भी नाटक के मंचन के खिलाफ प्रदर्शन किया.

नाटक देखने आए जन समस्या निवारण मंच के प्रदेश अध्यक्ष सूरज सोनी ने कहा कि नाटक में आतंकवादियों के प्रि संवेदनात्मक रुख है. कश्मीर में हमारे जवान वीरगति को प्राप्त हो रहे हैं तथा ऐसे हालात में सेना को वहशी कहना उन्हें हतोत्साहित करना है. अत्यंत दुःखद है कि सरकारी बैनर पर विवादास्पद कथानक पर आधारित नाटक का मंचन करवाया जा रहा है.

सर्व समाज संघर्ष समिति के संयोजक एडवोकेट अनिल चतुर्वेदी कई समाज सेवियों के साथ जवाहर कला केंद्र पहुंचे. वहां उन्होंने इस नाटक के मंचन को विरोध किया. उनका कहना था कि पुलिस प्रशासन को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए.

दूसरी ओर सोमवार रात असामाजिक तत्वों ने सिणधरी चैराहे पर स्थित शहीद स्मारक पर प्रतिमा खण्डित की. असामाजिक तत्वों ने शहीद स्मारक पर लगे स्मृति चिह्न की राइफल को तोड़ दिया और सैनिकों की टोपियों को गिरा दिया. घटना की जानकारी मिलने पर काफी संख्या में लोग एकत्रित हो गए तथा नारेबाजी करने लगे. पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, लेकिन आरोपियों का पता नहीं लग सका. बाड़मेर के इस शहीद स्मारक पर पिछले साल भी असामाजिक तत्वों ने तोड़फोड़ की थी, लेकिन आरोपी आज तक पकड़ में नहीं आए.

सीसी टीवी कैमरे, लेकिन खराब…..

शहीद स्मारक पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन वो खराब हैं. बताया जा रहा है कि एक साल पहले हुई घटना के समय भी सीसीटीवी कैमरे बंद थे. ऐसे में पुलिस व प्रशासन की लापरवाही स्पष्ट दिखाई दे रही है. एक बार संवेदनशील घटना होने के बावजूद सबक नहीं लिया तथा कैमरों को ठीक नहीं करवाया गया.

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