पटना (विसंके). प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ. जितेन्द्र कुमार सिंह ने पत्रकारिता के बढ़ते व्यवसायिक रूप-स्वरूप को जनकल्याण के प्रतिकूल बुताते हुए इसके मिशनरी भाव को पुनर्जाग्रत करने के लिये प्रयत्न करने का आह्वान किया है.
यहां गत 1 सितंबर को विश्व संवाद केंद्र के दस दिवसीय पत्रकारिता प्रशिक्षण वर्ग के उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा कि आज मीडिया के कारण ही हम देश-विदेश की घटनाओं एवं घोटालों को सुदूर बैठे जान पाते हैं. यह व्यवसाय न होकर व्यवस्था का चौथा स्तंभ है. उन्होंने पत्रकारों के नियमित प्रशिक्षण एवं जानकारी बढ़ाने वाले कार्यक्रमों को उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे पत्रकारिता में पैनापन आता है.
उद्घाटन समारोह को नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ में जिला जनसंपर्क पदाधिकारी लाल बाबू सिंह ने दीप प्रज्वलित कर प्रारम्भ किया. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के जिला सभागार में आयोजित इस वर्ग को संबोधित करते हुए जिला जनसंपर्क पदाधिकारी लाल बाबू सिंह ने वर्तमान पत्रकारिता को मात्र आलोचना के बजाय समालोचना से समृद्ध करने का सुझाव प्रस्तुत किया. उन्होंने कई प्रकाशित समाचारों की चर्चा करते हुए कहा कि खबरों की महत्ता एवं सार्थकता आज बढ़ी है. उन्होंने कहा कि सुधी पत्रकारों को भ्रामक एवं अफवाहजनक खबरों से बचना चाहिये.
वरिष्ठ पत्रकार कृष्णकांत ओझा ने कहा कि संवाद संप्रेषण, जन चेतना जाग्रत करना एवं जनमत निर्माण का कार्य पत्रकारिता है और साहित्य पत्रकारिता का उपकरण है. आगत अतिथियों एवं नवोदित पत्रकारों का धन्यवाद ज्ञापन कुमुद रंजन सिंह ने किया.