पुणे (विसंकें). राष्ट्रीय स्वसंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख अरूण कुमार जी ने कहा कि जिस एक तत्त्व से संपूर्ण एकरस समाज का निर्माण हुआ है, ऐसे हिन्दू समाज में सभी के कल्याण का विचार किया जाता है. कई जातियों के होने के बाद भी वे आज तक एकरसता से फलते-फूलते आई हैं. आज की परिस्थिति में संघ स्वयंसेवकों को सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए एवं हिन्दू समाज को पुनः एकरस बनाने के लिए सामाजिक समरसता का कार्य अधिक तेजी से करने की आवश्यकता है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विश्वविद्यालय भाग द्वारा विजयादशमी, शस्त्र पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें अरुण कुमार जी मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर मंच पर विश्वविद्यालय भाग के संघचालक डॉ. श्रीरंग गोडबोले, उद्यमी ओमप्रकाश जी रांका उपस्थित थे.
अरुण कुमार जी ने कहा कि ‘सत्य. अहिंसा, प्रेम, संयम जैसे मूल्यों के आधार पर हिन्दू धर्म खड़ा है. उन्हीं मूल्यों का आधार लेकर समाज में सामाजिक समरसता बनाने के लिए इन मूल्यों का आचरण करना होगा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूरे देश में समाज के सभी अंगों को स्पर्श कर रहा है. संघ हर तरफ पहुंच रहा है. इसलिए समाज की ओर से भी संघ के प्रति अपेक्षाएं और विश्वास बढ़ा है. अब सारा समाज संघ के बराबर कार्य करने के लिए तैयार है. लेकिन देश में आज भी वैचारिक भ्रांति निर्माण करने वाला माहौल बनाया जा रहा है. इस देश को राष्ट्र के रूप में नकारने का जानबूझकर प्रयास किया जा रहा है. हिन्दू मूल्यों से प्रतारणा करते हुए हिन्दू सभ्यता का सत्त्व भुलाने के लिए मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि संघ में नए बदलाव हो रहे हैं. संघ की स्थापना से लेकर आज तक का प्रवास बीज से लेकर महावृक्ष तक का सफर रहा है. इस पूरे काल के दौरान संघ परिवर्तनशील ही रहा है.
कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि उद्यमी ओमप्रकाश जी रांका ने कहा कि ‘‘संघ समाज में जो कार्य कर रहा है, उससे मैं अवगत हूं. इस कार्य में संघ मुझे शामिल करे. देश पर जब-जब आपत्ति आती है, संकट आते हैं, तब संघ हमेशा ही आगे रहकर कार्य करता रहा है.’’
शस्त्र पूजा कार्यक्रम के आरंभ में ध्वज को मानवंदना दी गई. इस अवसर पर उपस्थित स्वयंसेवकों ने रूमाल योग, योगासन, पदविन्यास, दंड युद्ध, घोष प्रात्यक्षिक प्रस्तुत किए. पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विजयादशमी शस्त्र पूजन कार्यक्रम में सभी स्वयंसेवक पैन्ट में सहभागी हुए.