करंट टॉपिक्स

हिंदू समाज की समरसता के लिए संत ही नहीं खिलाड़ी भी आए आगे, संतों के साथ सद्भावना सम्मेलन में पहुंचेंगे एवरेस्ट विजेता

Spread the love

रोहतक (विसंकें). हिंदू समाज की समरसता को मजबूत करने और समाज में अचानक आई खाई को पाटने के लिए संतों के साथ खिलाड़ियों ने भी कमर कस ली है. यह सभी 3 अप्रैल को रोहतक स्थित नई अनाज मंडी में आयोजित होने वाले प्रदेश स्तरीय सामाजिक सद्भावना सम्मेलन में पहुंचेंगे. सामाजिक समरसता मंच के बैनर तले होने वाले सम्मेलन में प्रदेश के हर गांव से, हर वर्ग के लोगों की भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए बड़ी सक्रियता से काम हो रहा है. सम्मेलन में प्रमुख तौर पर जिन खिलाड़ियों ने आने की स्वीकृति दे दी है, उनमें शूटर सुनीता गुर्जर फरीदाबाद, एवरेस्ट विजेता संतोष यादव शामिल हैं. समरसता सम्मेलन के लिए जिन संतों की स्वीकृति मिल चुकी है, उनमें प्रमुख संत स्वामी नारायणदास ठाकुर पंचकुला, महंत प्रेमदास शास्त्री अंबाला, स्वामी कैलाशनंद जैन अंबाला, स्वामी धर्मदास गिरी यमुनानगर, स्वामी मनीषा आचार्य यमुनानगर, स्वामी वासुदेवानंद कुरुक्षेत्र, स्वामी सुखदेव भागवताचार्य कुरुक्षेत्र, स्वामी शालिकदास स्वामी शाश्वतानंद कुरुक्षेत्र, स्वामी रामसिंह, आचार्य लोकेश करनाल, स्वामी केतवानंद करनाल, स्वामी दिव्यानंद करनाल, स्वामी राघवदास शास्त्री कैथल, स्वामी ईश्वरदास चीका, स्वामी छविरामदास चीका, स्वामी ईश्वरदास, स्वामी रविशाह महाराज बाल्मीकि आश्रम गन्नौर और श्रीश्री 1008 साध्वी गोविन्द भारती पानीपत के नाम प्रमुख हैं.

सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य हिंदू समाज में एकता, भाईचारा मजबूत करना है. कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल हिंदू समाज में उत्पन्न हुई खाई को पाटना है, बल्कि सभी हिंदुओं को जातपात से ऊपर उठकर केवल हिंदू होने का आभास करवाना है. आयोजकों का स्पष्ट मानना है कि कुछ हिंदू विरोधी ताकतें जात पात का जहर घोल कर हिंदू समाज को बांटने का काम कर रही हैं और कई हिंदू उनके बहकावे में आकर एकता का तानाबाना तोड़ने में उनका शिकार हो रहे हैं. हरियाणा प्रांत विश्व को प्रेम, स्नेह, शान्ति और सद्भावना बनाए रखने की सीख देने वाली गीता की जननी, आदि सभ्यताओं का पालन पोषण करने वाली प्राचीन सरस्वती का उद्गम स्थल और इतिहास को नई दिशा देने वाले के रूप में जाना जाता रहा है. जो कुछ पिछले दिनों हुआ है, उससे अपने हरियाणवी समाज के साथ-साथ पूरे देश की सद्भावना पर चोट पहुंची है. इसलिए हम सभी को मिलकर हरियाणा के भाईचारे की भावना को पुन: समेटने की जरूरत है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *