करंट टॉपिक्स

पारंपरिक पाहन के रहते धर्मांतरित व्यक्ति को प्रधान नियुक्त करने पर विरोध

Spread the love

रांची. पारंपरिक पाहन/ग्राम प्रधान के रहते ईसाई धर्म में धर्मांतरित हो चुके व्यक्ति को प्रधान नियुक्त करने के मामलों को लेकर विरोध शुरू हो गया है. विभिन्न संस्थाओं ने विरोध शुरू कर दिया है तथा ऐसे मामलों की जानकारी एकत्र करना शुरू कर दिया है. संस्थाओं ने पारंपरिक पाहन के स्थान पर ईसाई व्यक्ति को प्रधान नियुक्त करने को पंचायती राज अधिनियम प्रावधानों का उल्लंघन बताया है. इसके खिलाफ शनिवार को झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति धुर्वा एवं जनजाति धर्म संस्कृति रक्षा मंच के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल खूंटी के उपायुक्त शशि रंजन से मिलकर ज्ञापन सौंपा.

मामला खूंटी की फूदी पंचायत का है. यहां पारंपरिक पाहन के रहते ईसाई धर्म स्वीकार कर चुके निकोलस केरकेट्टा को ग्राम प्रधान नियुक्त करने का विरोध शुरु हो गया है. 21 जनवरी, 2021 को ग्राम प्रधान के रहते हुए दबाव बनाकर निकोलस केरकेट्टा को वहां ग्राम प्रधान नियुक्त किया गया है.

सरना विकास समिति के अध्यक्ष मेघा उरांव ने कहा कि ग्राम प्रधान निकोलस केरकेट्टा को ग्राम प्रधान नियुक्त करना पंचायती राज अधिनियम-2001 के प्रावधान का उल्लंघन है. अनुसूचित क्षेत्र में परंपरा से प्रचलित जातिगत रूढ़ि प्रथा, रीति रिवाज के अनुसार मान्यता प्राप्त व्यक्ति जो ग्राम प्रधान तथा मांझी, मुंडा, पाहन, या महतो हो, को ही चुना जाना है. परंतु जो अपने जातिगत रीति, रिवाज, परंपरा को छोड़कर ईसाई धर्म स्वीकार कर ले वह जनजाति का लाभ नहीं उठा सकता है. ऐसे व्यक्ति को निर्वाचित करना इस अधिनियम का उल्लंघन है. समिति ऐसे गलत ढंग से हो रहे चुनाव को बर्दाश्त नहीं करेगी, इसका पुरजोर विरोध करेगी.

कहा जा रहा है कि इस तरह के कई मामले सामने आ रहे हैं, उन सभी को चिन्हित कर गलत ढंग से काबिज ग्राम प्रधानों को हटाया जाएगा. इस दौरान उपायुक्त शशि रंजन ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि मैं स्वयं पंचायत में जाकर जांच करूंगा. प्रतिनिधिमंडल में समिति के अध्यक्ष मेघा उरांव, सचिव कुमुदिनी लकड़ा, जनजाति धर्म संस्कृति रक्षा मंच के उपाध्यक्ष, व अन्य शामिल थे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *