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बी टी ए डी क्षेत्र साम्प्रदायिक हिंसा की चपेट में

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गुवाहाटी. असम के शोणितपुर जिले में सुरक्षा बलों की कार्रवाई में प्रतिबंधित नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड-संगबिजित गुट के तीन उग्रवादी मारे गये. मुठभेड़ रंगापाड़ा क्षेत्र में हुई. प्रतिबंधित गुट के सदस्यों ने पुलिस दल पर हमला किया और जवाबी कार्रवाई में तीन उग्रवादी मारे गये. असम पुलिस ने बक्सा और कोकराझार जिले में हाल की हिंसा के लिये इसी उग्रवादी गुट को जिम्मेदार ठहराया है.

वहीं दूसरी ओर गत दिनों हुए उग्रवादी हमले में बक्सा जिले के निर्दोष लोगों की हत्या की जांच राज्य की सीआईडी पुलिस कर रही है. अपर पुलिस महानिदेशक मुकेश सहाय ने कहा कि पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में जांच दल ने बक्सा जिले में अपना काम शुरू कर दिया है. ये दल नारायणगुड़ी नरसंहार की जांच करेगा, जिसमे 18 लोग मारे गये थे.

असम सरकार ने बोडोलैंड टेरीटोरियल क्षेत्रीय जिलों, बीटीएडी में केंद्रीय सुरक्षा बलों की अतिरिक्त दस कंपनियां और कोबरा बटालियन की पांच इकाइयां तैनात करने का अनुरोध किया है. राज्य के गृह सचिव मुक्ति गोगोई ने बताया कि केंद्र ने इस अनुरोध पर विचार करने का भरोसा दिलाया है. उन्होंने यह भी बताया कि असम सरकार हाल की हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराने के लिये केंद्र को एक पत्र भेजेगी. बक्सा जिले में ही अब तक 32 लोगों की जानें गई हैं.

राज्य सरकार के सूत्रों ने बताया कि बोडोलैण्ड प्रादेशिक क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने को प्राथमिकता दी जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा. अब तक इस मामले में तीस लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पिछले 48 घंटे में किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है. चिरांग जिले में कर्फ्यू में छह घंटे तक की ढील दी जा रही है, लेकिन बक्सा और कोकराझार जिलों में कर्फ्यू जारी रहेगा. बक्सा में करीब पांच सौ लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है. उन्हें खाने का सामान दिया जा रहा है. जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. सेना फ्लैगमार्च कर रही है.

विश्व संवाद केन्द्र, गुवाहाटी से मिली एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले सप्ताह बी टी ए डी इलाके में हुए सैन्य अभियान के तहत एन डी एफ बी के संबिजित गुट के तीन उग्रवादियों के मारे जाने के प्रतिक्रिया स्वरूप उग्रवादियों ने गत 1 मई को बाक्सा जिले के गोबरधना थाना अन्तर्गत नरिसंहबाड़ी गांव के समीप एक घर में बैठे पांच लोगों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं, जिससे तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई तथा दो अन्य लोग बुरी तरह घायल हो गये. इस घटना को  रात करीब आठ बजे चार साइकिल सवारों ने अंजाम दिया और फरार हो गये. नरसिंहबाड़ी में असमिया, बंगाली हिन्दू, बोडो और मुसलमानों की मिश्रित आबादी है.

अगले दिन सवेरे से ही इलाके में तनाव व्याप्त हो गया. कोकराझाड़, चिरांग और बाक्सा जिलों में कर्फ्यू जारी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार चालीस हथियारबंद लोगों का एक दल जगह-जगह  अंधाधुंध गोलीबारी कर रहा है. विश्वस्त सूत्रों के अनुसार तकरीबन 32 लोगों की हत्या हुई है. तीन गांवों को आग के हवाले कर दिया गया है, जिससे सैकड़ों घर जलकर खाक हो चुके हैं.

इन हिंसक वारदात की पृष्ठभूमि बी टी ए डी की घोषणा होने के बाद बोड़ो ओर गैर बोडो के बीच संघर्ष है. हाल ही में हुए चुनाव में अबोडो के नेता के नाते पूर्व अलफा हीरा (नव) शरणीया ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव में हिस्सा लिया. जिसे अबोडो लोगों ने भरपूर समर्थन दिया था. चुनाव से कुछ दिन पहले कुछ मुसलमानों ने एक बोडो युवती की बलात्कार करने के बाद हत्या कर दी थी. मतदान के दिन मुसलिम गांव में दो पुलिसकर्मियों को  मौत के घाट उतार दिया गया था.

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