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लाल कुआं, दुर्गा मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात देव प्रतिमाएं विराजित

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चावड़ी बाजार में संतों के मार्गदर्शन में भव्य शोभा यात्रा का आयोजन

नई दिल्ली. रविवार 30 जून को असामाजिक मुस्लिम उपद्रवियों द्वारा क्षतिग्रस्त किए गए चावड़ी बाजार के दुर्गा मंदिर में देव प्रतिमाओं की पुनः प्राण प्रतिष्ठा के निमित्त विश्व हिन्दू परिषद एवं संत समाज ने विशाल शोभायात्रा व पूजा का आयोजन किया.

अखिल भारतीय संत समाज तथा गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री दंडी स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि बहुत मजबूरियों में यह चेतावनी सभा करने की जरूरत आन पड़ी है. 5 वक्त की नमाज पर हिन्दू समाज को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन नमाज के बहाने जुम्मे के दिन जो तकरीरें उठती हैं कि काफिरों का कत्ल करो, यह सब भाषा हिन्दू समाज अब सुनने को तैयार नहीं है. इस सभा का संदेश सारे भारत और दुनिया भर के हिन्दुओं तक जाएगा. हिन्दू अब पलायन नहीं करेगा.

पूज्य संत महामंडलेश्वर रामानंद जी महाराज ने कहा कि हमारे देवी देवताओं का अपमान हुआ है, उसका प्रतिकार करने के लिए संत समाज यहां एकत्र हुआ है. सामान्य मुसलमानों से कोई विरोध नहीं है, लेकिन तथाकथित जो अपने समाज को भड़काकर अनैतिक कार्य द्वारा दंगे करवाते हैं, ऐसे व्यक्तियों के प्रति विरोध है.

इन्द्रप्रस्थ विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष वागीश ईसर ने बताया कि क्षतिग्रस्त दुर्गा मंदिर में देव प्रतिमाओं की पुनः प्राण प्रतिष्ठा के निमित्त आयोजित शोभा यात्रा में स्थानीय निवासियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. शोभायात्रा में भगवान गणेश, देवी दुर्गा, भगवान शिव, भगवान राम, भगवान कृष्ण, जटायू आदि देवों की झांकियां लालकुआं, चावड़ी बाजार मेट्रो स्टेशन से चलकर दुर्गा मंदिर, होते हुए फतेहपुरी मस्जिद, और वापस दुर्गा मंदिर चावड़ी बाजार में सम्पन्न हुई. संत समाज ने अपने आर्शीवचन दिए. जिनमें महामंडलेश्वर स्वामी नवलकिशोर जी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी अभूतानन्द जी महाराज, विहिप के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन, विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री मुकेश खाण्डेकर आदि सम्मिलित थे.

विश्व हिन्दू परिषद के दिल्ली प्रांत उपाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार कुमार ने बताया कि 100 साल पुराने हिन्दू मंदिर के साथ दुष्कृत्य किया गया है. हिन्दू समाज की तरफ से इसका उचित जवाब दिया जाना जरूरी है. इसलिए मंदिर की प्रतिमाओं की पुर्न प्राण प्रतिष्ठा के साथ भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया गया. ऐसी घटनाएं पहले भी होती थीं, लेकिन दुर्भाग्यवश मीडिया इसे दिखाता नहीं था, न ही समाज के अंदर से यह बातें बाहर आती थीं. हिन्दू समाज चुपचाप लुटता पिटता और डरा हुआ रहता था. अब समाज खुलकर उसकी प्रतिक्रिया में सामने आ रहा है और मीडिया में भी खबरें आ रही हैं क्योंकि समाज भी अब इसका प्रतिकार कर रहा है.

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