चंडीगढ़ (वि.सं.के). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को जानना जितना कठिन है उतना ही आसान भी, जिस तरह गुड़ को खाये बिना उसके बारे दुनिया भर का ज्ञान अर्जित करने या चर्चायें करने के बावजूद गुड़ के स्वाद का पता नहीं लगाया जा सकता, उसी तरह संघ में गये बिना संघ को नहीं जाना जा सकता. यह विचार राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रांत प्रचारक श्री किशोरकांत ने यहां के सेक्टर 37 के ला भवन में आयोजित ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को जानें’ विषय पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए व्यक्त किये. प्रांत प्रचारक ने लोगों को दूसरों की नहीं बल्कि अपनी नजरों व अनुभवों से संघ को जानने की अपील की.
अपने संबोधन में श्री किशोरकांत ने संघ की उपमा समुद्र से करते हुए कहा कि कोई व्यक्ति संघ में जितना डूबता जाता है, संघ में उतनी ही नई जानकारी मिलती हैं. संघ आज विश्व का सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन होने के साथ-साथ सामाजिक जीवन के हर पहलुओं को छूने वाला संगठन है. संघ प्रत्यक्ष रूप से केवल शाखायें चलाने का काम करता है जहां, व्यक्ति निर्माण का काम किया जाता है. यही स्वयंसेवक आगे जाकर समाज के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय हो कर अपनी रुचि के अनुसार समाज की सेवा का काम करते हैं. देश पर जब भी विपत्ति आती है, संघ के स्वयंसेवक स्वस्फूर्त प्रेरणा से बिना देरी किये सक्रिय हो जाते हैं. देश पर चाहे विदेशी हमलों का संकट हो या प्राकृतिक अथवा मानवीकृत संकट, संघ के स्वयंसेवकों ने सबसे पहले आगे बढ़ कर अपने राष्ट्रीय दायित्वों का निर्वहन किया है.
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित ईएमएएआर एमजीएफ के विकास गुप्ता ने कहा कि संघ जैसे संगठनों के चलते यह देश व इसका समाज न केवल बाहरी खतरों बल्कि सामाजिक कुरीतियों से भी सुरक्षित है. उन्होंने लोगों विशेषकर युवाओं से अपील की कि वे अपने जीवन का एक निश्चित समय संघ को अवश्य दें. इस अवसर पर जिज्ञासा समाधान कार्यक्रम आयोजित किया गया. संघ के प्रति नागरिकों के मन में उपजे प्रश्नों का प्रांत प्रचारक ने समाधान किया. चंडीगढ़ महानगर के संघचालक श्री त्रिलोकी नाथ, प्रांत कार्यवाह श्री मुनिश्वर लाल, सह-प्रांत कार्यवाह श्री अमृतसागर, संपर्क प्रमुख श्री दीपक बत्रा, प्रोफेसर संजय कौशिक सहित अनेक पदाधिकारी व नगर के गणमान्य उपस्थित थे.