अरुणाचल प्रदेश के बरदुमसा में 9 से 11 मई तक महिला सम्मेलन आयोजित हुआ. अरुणाचल विकास परिषद् द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न भागों के 28 गांवों से 275 महिलाओं ने भाग लिया. सम्मेलन के प्रारंभ में राज्य के पूर्व मंत्री नेवालाई तिंगतरा के निधन पर शोक जताया गया. इसके बाद सम्मेलन के मुख्य अतिथि और पूर्व मंत्री श्री कोमोली मोसांग ने महिलाओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि महिलायें परिवार और समाज की मुख्य धुरी होती हैं. महिलाओं के बिना समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है. समाज जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं की बहुत ही अहम भूमिका रहती है, इसलिये हमें भी समाज में शान्तिपूर्ण और उत्साहवर्धक वातावरण बनाये रखने में योगदान देना चाहिये. उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने बच्चों के प्रति सजग रहने की जरूरत है, क्योंकि आधुनिकता के नाम पर वे अपनी परम्परा से दूर हो रहे हैं. विशिष्ट अतिथि श्री सिक्तांग सिंगफो ने पूरे इलाके में जनजागरण के लिये अरुणाचल विकास परिषद् की बड़ी प्रशंसा की. अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के संगठन मंत्री श्री अतुल जोग ने बताया कि अरुणाचल विकास परिषद् इस क्षेत्र में स्वास्थ्य,शिक्षा,युवाओं में जागरूकता बढ़ाने और महिलाओं के सशक्तिकरण में प्रमुख भूमिका निभा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि पासीघाट में महिलाओं ने नशामुक्ति में भी अपना योगदान दिया है. उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे रानी गाइदिन्ल्यू को आदर्श मानकर आगे बढ़ें. ‘समाज में महिलाओं की भूमिका’ विषय पर श्रीमती यामेक तागु, ‘पूर्वोत्तर भारत की महान महिलाओं’ पर श्रीमती बीना बोरा, ‘वनवासी समाज में पहुँच बनाने के लिये आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण’ पर श्री संदीप कवीश्वर ने अपने विचार रखे. समारोह के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुये श्री एस.एन. सिंगफो ने कहा कि महिलाओं की शक्ति की तुलना किसी से नहीं की जा सकती.
