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आईएसआई का एजेंट आसिफ मेरठ से गिरफ्तार

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ISI Agent Asif Giraftarमेरठ. पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई को भारतीय सेना की गोपनीय जानकारी देने वाले आईएसआई एजेंट आसिफ अली को एसटीएफ ने गत शनिवार, 16 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया. उसके कब्जे से भारतीय सेना के गोपनीय दस्तावेज और डेबिट तथा क्रेडिट कार्ड के साथ पाकिस्तानी करेंसी भी बरामद हुई है.

पाक जासूस पूरे देश में अपना नेटवर्क फैलाकर सेना की गोपनीय जानकारी जुटा रहा था. उसने कोलकाता और हैदराबाद के सेना के दो अफसरों के एकाउंट में सेना के गोपनीय दस्तावेज जुटाने के एवज में रकम जमा की थी. झांसी में तैनात एक जेसीओ के बेटे को सेना की गोपनीय जानकारी देने के लिये पाकिस्तानी लैपटॉप भी दिया. मेरठ छावनी में भी उसके नेटवर्क को एसटीएफ सैन्य अफसरों की मदद से खंगाल रही है. एसटीएफ द्वारा पकड़ा गया पाक जासूस देहलीगेट थाने के पूर्वा फय्याज अली की 270 हीरा बिल्डिंग में रहने वाला आसिफ अली है, जो सुभाष बाजार भाटवाड़ा में स्प्रिंग की फैक्ट्री में सुपरवाइजर पद पर काम कर रहा था. उसकी शादी 23 वर्ष पहले पाकिस्तान के कराची में रहने वाली रुखसाना कौसर से हुई थी. बेटा और बेटी समेत परिवार पाकिस्तान में ही रह रहा है.

प्रेस कांफ्रेंस में एसटीएफ के एसपी उमेश कुमार ने बताया कि, आइजी एसटीएफ के आदेश पर शनिवार दोपहर सुभाष बाजार से आसिफ अली को गिरफ्तार किया गया. उसके कब्जे से सेना के गोपनीय दस्तावेज, एटीएम कार्ड, चेक बुक, पास बुक, पाकिस्तान बैंक (बैंक अल हबीब) की चेक बुक तथा अनेक सिमकार्ड एवं मेमोरी कार्ड तथा पासपोर्ट बरामद किये गये हैं. उसने पूछताछ में बताया कि वह पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आइएसआइ को भारतीय सेना की गुप्त जानकारियां देता था और आइएसआइ एजेंट जाहिद के लिये काम करता है. वही उसे पाकिस्तान बुलाकर ट्रेनिंग देता था. आसिफ 16 बार पाकिस्तान जा चुका है. भारत लौटने के बाद वह एजेंट से मिली सेना की गोपनीय जानकारी कोरियर एवं ई-मेल के जरिये आइएसआइ को देता था.

उसने रहस्योद्घाटन किया कि अब तक वह कोलकाता के रिटायर्ड जेसीओ मदन मोहन पाल तथा हैदराबाद के जेसीओ पाटन कुमार पोद्दार के एकाउंट में रकम डाल चुका है. उनसे भी सेना की जानकारी ली जा चुकी है. इन दोनों को एसटीएफ की टीम पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. अब आसिफ ने झांसी के जेसीओ के बेटे को अपने झांसे में लिया. उसे पाकिस्तान से आया लैपटॉप दिया. एसपी के मुताबिक, लैपटॉप इंटरनेट के द्वारा मैक आइडी से सीधे पाक एजेंसी से जुड़ा हुआ है, उसमें कोई भी गुप्त जानकारी डालने के बाद स्वयं ही आइएसआइ को मिल जाती है. माना जा रहा है कि आसिफ के तार पूरे देश में जुड़े हुए हैं. वेस्ट यूपी में भी उसका बड़ा नेटवर्क है, क्योंकि पाकिस्तान से पैसा उसके एकाउंट में डाला जाता है. वहां से मैसेज मिलने के बाद ही वह अपने खाते से बताये हुए एकाउंट में पैसा स्थानांतरण कर देता है. एसटीएफ एएसपी राजेश कुमार ने बताया कि यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं आसिफ के तार मेरठ की सेना से भी तो नहीं जुड़े हैं.

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