नई दिल्ली. विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ नेता व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक आचार्य गिरिराज किशोर के पार्थिव शरीर को 14 जुलाई को दधीचि देह दान समिति के एडवोकेट श्री आलोक कुमार अग्रवाल के माध्यम से आर्मी मेडिकल कॉलेज, दिल्ली को दान कर दिया गया, जहां उनके पार्थिव शरीर का उपयोग मेडिकल अध्ययन में किया जायेगा. राष्ट्र की सेवा में अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले गिरिराज किशोर ने अपने देहांत के बाद भी राष्ट्र की सेवा का संकल्प किया था. इसीलिये उनकी इच्छा के अनुसार उनके नेत्रों का भी दान किया गया.
अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहे आचार्य गिरिराज किशोर का रविवार 13 जुलाई को देर रात यहां आरके पुरम स्थित संकटमोचन आश्रम में निधन हो गया था. वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे और इस आश्रम में बने विहिप के केन्द्रीय कार्यालय में ही रहते थे.
उनके निधन के बाद से ही उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा. श्रद्धांजलि देने वालों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री भय्या जी जोशी, सह सरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी जी व श्री दत्तात्रेय जी होसबोले, श्री इन्द्रेश कुमार, विहिप के श्री अशोक जी सिंहल, डॉ. प्रवीणभाई तोगड़िया, श्री चम्पतराय व श्री ओमप्रकाश जी सिंहल सम्मलित थे.
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये ब्राजील की यात्रा पर गये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टि्वटर पर लिखा कि आचार्य गिरिराज किशोर के निधन का दुखद समाचार मिला. उनका जीवन मातृभूमि की सेवा के लिये समर्पित रहा. मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री लाल कृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, श्री रामलाल जी, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन, केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी, श्री विनय कटियार, दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय, सांसद सुश्री मीनाक्षी लेखी, पूज्य म0म0 स्वामी अनुभूतानन्द, दीदी माँ ऋतम्भरा, महंत नवलकिशोर दास, महंत सुरेन्द्रनाथ अवधूत, आचार्य धर्मेन्द्र जी व नेपाल से पधारे पूज्य बालसन्त महेशशरण देवाचार्य जी के अलावा देशभर के विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक व सांस्कृतिक संगठनों के पदाधिकारियों, सांसदों एवं विधायकों ने विश्व हिन्दू परिषद के कार्यालय जाकर आचार्य किशोर के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.
Giriraj jee ko Shridha Suman….! Aise Vyaktitva Sadiyon Main Kabhi_Kabhi Is Dharaa Par Aate Hain….! !
good, it is very good decision of donating body after death. Because some organ of human body are useful for those who needs organ transplant and not have donors.
ऐसे महापुरुष के त्याग को नमन राष्ट्र हित के लिये ऐसी वैचारिक क्रांति की आवश्यकता