गोमंतक के मा. पूर्व संघचालक, गोवा के वर्तमान मुख्यमंत्री तथा भारत के पूर्व रक्षा मंत्री आदि विभिन्न पद जिनके अस्तित्व से गौरवान्वित हुए, ऐसे अध्ययनशील, ध्येयनिष्ठ, कर्मशील व समर्पित व्यक्तित्व के धनी श्री मनोहर पर्रिकर जीवन के संघर्ष में मात देने में दुर्दैव से असफल हुए। ईश्वरीय शक्ति का यह आघात है। वाणी – शब्द मौन हुए हैं।
गोवा के संघ कार्य की धुन हो या गोवावासी जनसामान्यों के विकास का ध्येय हो, समान निष्ठा से सर्वस्व न्यौछावर करने वाला व्यक्तित्व, मनोहर पर्रिकर के रूप में हम सबके बीच में था।
देश की आवश्यकता ध्यान में रखते हुए अति सरलता से रक्षा मंत्रालय का दायित्व स्वीकारा तथा देश की रक्षा व्यवस्था को दिशा और आकार देने का कर्तृत्व सिद्ध किया।
अति निरलस, अध्ययनशील, दृढ संकल्पित व कर्मशील तथा समाज और देशहित के सिवा अन्य विचारों को जीवन में स्थान नहीं, ऐसा दुर्लभ व्यक्तित्व श्री मनोहर पर्रिकर जी का रहा।
भारत माता का श्रेष्ठ सुपुत्र आज हमने खोया है।
एक आदर्श सामाजिक, राजनैतिक कार्यकर्ता व ध्येय समर्पित स्वयंसेवक रूप में वे सदा स्मरण में रहेंगे।
हम-आप सब परिवारजन, स्नेही, सहकारी बंधुओं को यह आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करे व दिवंगत आत्मा को सद्गति प्राप्त हो, यही ईश्वर चरण में प्रार्थना।
विनम्र श्रद्धांजलि!
मोहन भागवत, सरसंघचालक
सुरेश (भय्या) जोशी, सरकार्यवाह