देहरादून (विसंके). उत्तराखण्ड के जाबांज सिपाही खेमचंद्र ने श्रीनगर में आयी भीषण बाढ़ को मात दे दी, परन्तु उन लाखों लोगों के लिये वे एक सवाल अपने पीछे छोड़ गये जो सेना के कार्य को सही मायने में समझ नहीं पाते. नैनीताल के बेतालघाट ब्लॉक के चंद्रकोट निवासी और 20 कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात सैनिक की श्रीनगर में बाढ़ में फंसे लोगों को बचाते वक्त डूबने से मौत हो गई. चन्द्रकोट गांव निवासी खेम चंद्र (38) पुत्र लीलाधर डौर्बी श्रीनगर में तैनात थे. वे 20 कुमाऊं रेजीमेंट में 5 आरआर में नायक के पद पर कार्यरत थे. खेमचंद्र आपदा की इस मुश्किल घड़ी में लोगों की सहायता के लिये लगे रहे और खुद की जान की परवाह किये बगैर कई लोगों की जान अपने अभियान के दौरान उन्होंने बचाई. इस बलिदान के लिये प्रदेशवासियों ने उनकी प्रशंसा की तथा उनके माता-पिता को नमन किया, जिन्होंने ऐसे जाबांज सपूत को पैदा किया, जिसने पूरे देश का यश बढ़ाया.
