नई दिल्ली. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर तबलीगी जमात में शामिल होने के लिए निजामुद्दीन गए थे. वहां से वापिस लौटने के पश्चात उन्होंने ये बात छिपाई, इतना ही नहीं विश्वविद्यालय में परीक्षा ड्यूटी भी की. अब बड़ा सवाल यह कि उन्होंने ये बात क्यों छिपाई, इसके पीछे क्या वजह थी? इटेलीजेंस के माध्यम से उनके तबलीगी जमात में शामिल होने की सूचना सामने आई तो करैली पुलिस ने उनके घर पहुंच कर उनकी पत्नी और बच्चे को एक गेस्ट हाउस में क्वारंटाइन किया है. पुलिस ने महामारी अधिनियम के तहत प्रोफेसर के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है.
दैनिक जागरण के अनुसार विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. एनके शुक्ला ने कहा कि ऐसी हरकत करने वाले राजनीति शास्त्र विभाग के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन कार्रवाई कर सकता है. तबलीगी जमात में शामिल होने की बात छिपाकर अन्य लोगों को मुसीबत में डाला है.
प्रोफेसर शिवकुटी थाना क्षेत्र के एक मोहल्ले में रहते हैं. पुलिस के अनुसार प्रोफसर छह से दस मार्च तक तबलीगी जमात में शामिल हुए थे. इसके बाद प्रयागराज लौटे. यहां आने पर विश्वविद्यालय में 12 व 16 मार्च को आयोजित परीक्षा में शामिल हुए. दोनों परीक्षाओं में कुल 144 परीक्षार्थी थे. परीक्षा से जुड़ा स्टाफ भी उनके संपर्क में आया था.
एसपी सिटी बृजेश श्रीवास्तव ने कहा कि प्रोफेसर से पहले भी पूछताछ हुई थी, लेकिन उन्होंने जमात में शिरकत करने की बात कबूल नहीं की. बुधवार रात कुछ साक्ष्य मिले तो उनसे दोबारा पूछताछ की गई तो पूरी जानकारी मिली. प्रोफेसर के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. उन्हें करेली के महबूबा गेस्ट हाउस में क्वारंटाइटन किया गया है.