श्रीनगर (विसंके उत्तराखंड). बैकुण्ठ चतुर्दशी मेले का विशेष महत्व है. लोगों का विश्वास है कि यहां बैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन तपस्या करने से भगवान शिव पुत्र का वरदान देते हैं. कमलेश्वर महादेव मंदिर में शुरू हुआ खड़ा दीया अनुष्ठान 24 घंटे बाद बृहस्पतिवार सुबह पांच बजे संपन्न हुआ. अनुष्ठान में 180 निस्संतान दंपतियों ने भाग लिया. महंत आशुतोष पुरी ने बताया कि सुबह पांच बजे दीप विसर्जन के बाद पूजा कर दंपति स्नान करने के लिये अलकनंदा नदी गये. बाद में दंपतियों को प्रसाद वितरित कर उनकी मनोकामना पूर्ण करने के लिये प्रार्थना की गई. सप्ताह भर तक चलने वाले इस मेले के लिये नगर को दुल्हन की तरह सजाया गया है. श्रीनगर के तमाम मंदिर, मस्जिद व गुरुद्वारे भी सुंदर सजावट से चमक रहे हैं.
हिन्दू धर्म की आस्था से जुड़े इस मेले में अन्य धर्मो के दिलों में घर करने की सफल कोशिश नगर पालिका द्वारा की गई है. मेले के उद्घाटन अवसर पर विभिन्न कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने भव्य परेड कर सभी का मन मोह लिया. सुबह आठ बजे से ही नगर के विभिन्न मार्गों में दो दर्जन से अधिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने शानदार परेड की. परेड को देखने के लिये लोगों की भीड़ अपने घरों की छतों पर लगी रही. विभिन्न स्कूलों की छात्रायें आड़थ बाजार से लेकर गणेश बाजार होते हुए गोला पार्क तक दोनों छोरों पर अपने हाथों में फूल की थालियां लिये खड़ी रहीं. जैसे ही नगर में सीएम का काफिला पहुंचा छात्र- छात्राओं द्वारा मुख्यमंत्री पर फूल की वर्षा की गई. कलश यात्रा व पारंपरिक छोलियां नृत्य ने सभी का मन मोह लिया.