नई दिल्ली. 20 अप्रैल को दक्षिणी दिल्ली के खिड़की एक्सटेंशन स्थित हनुमान मंदिर में एक ऐसी कन्या का विवाह हुआ,जो ऐसी दशा से गुजरी थी जिसकी कल्पना मात्र से रूह कांप जाये. इस विवाह में भगिनी निवेदिता न्यास के महामंत्री श्री महावीर प्रसाद गुप्ता ने कन्यादान किया. साथ में बैठी थीं वैदिक विदुषी श्रीमती विमलेश आर्या. उल्लेखनीय है कि ईसाई संगठन “विजन फॉर ओएसिस वेव्ज सोसायटी” द्वारा द्वारका सेक्टर -7 में एक अनाथालय “उम्मीद” का संचालन किया जा रहा है. यहां रह रहीं पांच महिलाओं ने नवरात्रों का व्रत रखा हुआ था. व्रत के दौरान उन्हें तंग किया जा रहा था. उनमें से एक 4 अप्रैल को किसी तरह वहां से भाग गई और थाने पहुंच गई. युवती ने आरोप लगाया कि उसे एवं वहां की अन्य कन्याओं को अनाथालय के अध्यक्ष सलमा फ्रांसिस और वार्डन एलिजाबेथ थॉमस जबरन सलीब पहनने को देते हैं. हिन्दू देवी-देवताओं के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करने के साथ व्रत के खाने में मांस दिया जाता है, जिसमें गोमांस भी होता है. मंदिर जाने व पूजा करने से रोका जाता है. इसका विरोध करने पर तमाम तरह की यातनाएं दी जाती हैं. इसके बाद पुलिस उस युवती के साथ अनाथालय पहुंची, जहां एक 54 वर्षीय महिला समेत चार युवतियों ने भी मतान्तरण का आरोप लगाया. थाने पहुंची लड़की ने कहा कि उसने अपनी मुस्लिम सहेली के साथ नवरात्र पर व्रत रखे थे. इसके चलते उसकी पिटाई की गई. वहीं, मुस्लिम युवती का भी कहना था कि उससे रोज जबरन ईसाई प्रार्थना कराई जाती थी. खाने में गोमांस परोसे जाने की जानकारी मुस्लिम युवती से ही अन्य युवतियों को मिली.
इसके बावजूद पुलिस ने दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने में अनाकानी की. विहिप,बजरंग दल और भाजपा के कार्यकर्ताओं ने जब भारी विरोध किया, तब एफआईआर दर्ज की गई. बाद में पुलिस ने पांचों महिलाओं को अनाथालय से निकालकर निर्मल छाया होम भेज दिया. राज्य महिला आयोग के समक्ष पीड़ित युवतियों के बयान भी दर्ज कराये गये. बाद में आयोग की पहल पर ही इन सभी पीडि़ताओं को विहिप की प्रेरणा से संचालित भगिनी निवेदिता सेवा न्यास को सौंप दिया गया. न्यास के कार्यकर्ताओं ने तय किया है कि इनयुवतियों को ससम्मान जीवन जीने लायक बनाया
जायेगा. इसी के तहत एक लड़की का विवाह कराया गया.