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एक चिकित्सक की लापरवाही के कारण भीलवाड़ा में संकट, चिकित्सक के घर सउदी से आए थे मेहमान

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नोवल कोविड-19 कोरोना वायरस को लेकर राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा बढ़ता जा रहा है. यहां के एक क्षेत्र में 19 कोरोना वायरस पॉजिटिव केस मिल चुके हैं. देश में पहली बार ऐसा मामला सामने आया है, जब 457 सैंपल्स में इतने ज्यादा लोग संक्रमित मिले हैं. गुरुवार को भीलवाड़ा के दो संक्रमित व्यक्तियों की मौत हो गई. जिले के अब तक 18.5 लाख लोगों का सर्वे हो चुका है, जिनमें करीब 11 हजार लोग संदिग्ध हैं और 6445 को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है. जिले में 332 स्वास्थ्य टीमें लगाई गई हैं. जिले से बाहर निकल गए लोगों की तलाश भी की जा रही है. शुक्रवार सुबह तक यहां संक्रमित लोगों की संख्या 45 पहुंच चुकी थी. संक्रमितों में सर्वाधिक 21 मामले भीलवाड़ा से ही हैं, जबकि जयपुर में 9, झुंझुनूं में 6, जोधपुर में 5, प्रतापगढ़ में 2 और पाली व सीकर में एक-एक पॉजिटिव केस मिल चुका है.

भीलवाड़ा में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के लिए स्थानीय निजी बांगड़ अस्पताल की लापरवाही सामने आई है. 20 मार्च को अस्पताल के तीन डॉक्टर और तीन कंपाउंडर कोरोना पॉजिटिव मिले थे. संक्रमित डॉक्टरों में से एक डॉ. नियाज पर शक की सूई घूम रही है. डॉ. नियाज के घर सऊदी अरब से मेहमान आए थे और वो उनके साथ रहे. बताया जा रहा है कि मेहमान कोरोना संक्रमित थे. अस्पताल के दूसरे डॉ. आलोक मित्तल भी संक्रमित हैं. कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने तक बांगड़ अस्पताल के डॉक्टर और कंपाउंडर मरीजों के बीच थे. एक अनुमान है कि इन्होंने 6000 मरीजों को देखा. भीलवाड़ा जिले में 20 मार्च को ही कर्फ्यू लगा दिया गया था और जिले की सीमाएं सील हैं.

जयपुर शहर के रामगंज इलाके में गुरुवार को रहमानी मस्जिद के पास मोहम्मद मुबारक नामक व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया. हद तो यह है कि मोहम्मद मुबारक तीन दिन पहले ओमान से आया था. वो दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरा और सड़क मार्ग से जयपुर पहुंचा. स्वास्थ्य विभाग की क्वारेंटाइन में रहने की बात उसने नहीं मानी. वो लगातार लोगों से मिल रहा था और मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ता रहा. कोरोना पॉजिटिव मिलने के बावजूद वो उन लोगों के नाम नहीं बता रहा है, जिनसे उसने तीन दिनों में मुलाकात की है. भीलवाड़ा के बाद जयपुर के रामगंज क्षेत्र में भी कर्फ्यू लगा दिया गया है.

जोधपुर में एक ही ट्रेन से तीन कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं. ऊपर की बर्थ पर सो रही महिला पॉजिटिव मिली है, जबकि बर्थ के नीचे सो रहे दंपती कोरोना पॉजिटिव थे. शक है कि महिला बर्थ पर चढ़ते या उतरते समय संक्रमित हुई. ट्रेन के कोच में सफर करने वाले यात्रियों की तलाश की जा रही है.

राजस्थान के शेखावटी इलाके से बड़ी संख्या में लोग अरब देशों में नौकरी करते हैं. इनमें मुस्लिम समुदाय के लोग ज्यादा हैं. जैसे ही कोरोना वायरस के फैलाव की खबरें आनी शुरू हुईं, अरब देशों से लोग यहां लौटने लगे. ज्यादातर ने दिल्ली से बस पकड़ी और घरों को पहुंचें. बड़ी संख्या में लोग ग्रामीण इलाकों में पहुंचे हैं. देश के विभिन्न भागों में मजदूरी या दूसरे कामधंधे कर रहे राज्य के बांसवाड़ा, पाली, जालौर, बाड़मेर, डूंगरपुर, सिरोही आदि जिलों के लोग भी घरों को लौटे हैं. संकट यह है कि अधिकांश लोगों ने खुद को आइसोलेट किया है या नहीं, इसकी सटीक जानकारी नहीं है. इन लोगों से भी संक्रमण का खतरा बढ़ गया है.

राजस्थान में स्थिति कितनी विस्फोटक है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि देश में सबसे पहले राजस्थान सरकार ने राज्य को लॉकडाउन किया था. सरकार ने एक लाख बेड का इंतजाम किया हुआ है. विडंबना यह है कि सरकार के लाख प्रयास के बावजूद कुछ लोग इस महामारी की गंभीरता को समझ नहीं रहे हैं.

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