देहरादून (विसंके). लैंसडौन की बाल वैज्ञानिक आकांक्षा गुहा को पूर्व राष्ट्रपति व वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने एडजस्टेबल वाश बेसिन के उनके प्रयोग के लिये प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिह्न से सम्मानित किया है. आकांक्षा को यह पुरस्कार अहमदाबाद में आयोजित कार्यक्रम में दिया गया.
नेशनल ईनोवेशन फाउंडेशन इग्नाइट के तत्वावधान में गत 19 नवंबर को अहमदाबाद में महान वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम के जन्मदिवस पर राष्ट्रीय स्तर पर बाल वैज्ञानिकों को पुरस्कृत किया गया. इस दौरान लैंसडौन की आकांक्षा को भी डॉ. कलाम ने सम्मानित किया. घर लौटने पर आकांक्षा ने बताया कि डॉ. कलाम ने उसे प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न के साथ ही ‘इग्नाइट माइंड’ प्रदान की.
इस पुरस्कार के लिये देश भर से 359 जिलों के 27 हजार छात्रों ने आवेदन किया था. इनमें से आकांक्षा के एडजस्टेबल वाश बेसिन को भी पुरस्कार के लिये चयनित किया गया. आकांक्षा ने बताया कि उनके पिता रीढ़ की हड्डी के रोग से पीडि़त हैं. आकांक्षा ने देखा कि उन्हें वाश बेसिन में झुकने के कारण काफी परेशानी होती है. इस पर आकांक्षा ने सोचा कि क्यों न ऐसा वाश बेसिन बना दिया जाये, जो उनके पिता की जरूरत के मुताबिक उपर-नीचे हो जाये. पिता की पीड़ा देखते हुए आकांक्षा ने साइंस मैकेनिज्म का प्रयोग कर एडजेस्टेबल वाश बेसिन बनाया. वाश बेसिन को उपर-नीचे करने के लिये आकांक्षा ने मोटर का प्रयोग किया. साथ ही उसने उपर-नीचे होने में वाश बेसिन के पाइप के छोटे व बड़े होने के साथ पानी के आने व बाहर निकले का पूरा ध्यान रखा.