मणिपाल. वरिष्ठ पत्रकार और प्रसार भारती के पूर्व अध्यक्ष एमवी कामथ नहीं रहे. उनका गुरुवार, 9 अक्टूबर को प्रात:काल यहां अपने पैतृक स्थान में निधन हो गया. वह 94 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवनी लिखने वाले शुरुआती लेखकों में से थे. कामथ करीब एक दशक तक वाशिंगटन में ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ के संवाददाता भी रहे. उनके भतीजे जयराम कामथ ने यहां बताया कि उन्होंने सुबह लगभग साढ़े छह बजे अंतिम सांस ली.
जयराम ने बताया कि वह लंबी उम्र के कारण पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे, जिसे देखते हुए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार हम उनके शव को अधिक समय तक नहीं रखेंगे और आज ही (गुरुवार) उनका अंतिम संस्कार कर देंगे.” माधव विट्टल कामथ का जन्म सात सितंबर, 1921 को कर्नाटक के उडुपी में हुआ था. वह विज्ञान विषय से स्नातक थे. पत्रकारिता में आने से पहले पांच साल तक उन्होंने बतौर केमिस्ट काम किया था.
वर्ष 2004 में कामथ को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. उन्होंने 40 किताबें लिखीं, जिनमें ‘गांधी-अ स्पिरिचुअल जर्नी’, ‘रिपोर्टर एट लार्ज’ और ‘नरेंद्र मोदी-द आर्किटेक्ट ऑफ अ मॉर्डन स्टेट’ शामिल हैं. उन्होंने मीडिया में अपना करियर मुंबई के एक दैनिक ‘फ्री प्रेस जर्नल’ से बतौर रिपोर्टर 1946 में की थी और बाद में इसके सांध्य दैनिक ‘फ्री प्रेस बुलेटिन’ के लिये काम किया. बाद में वह ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ से जुड़े और वर्ष 1967-69 के बीच ‘द संडे टाइम्स’ का संपादन किया. वह 10 साल तक वाशिंगटन में ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ के कॉरेसपोंडेंट भी रहे.
मीडिया करियर के दौरान उन्होंने दिल्ली, वाशिंगटन, पेरिस, जेनेवा, न्यूयॉर्क तथा अन्य शहरों में काम किया. वर्ष 1981 में सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने मुंबई में रहने का फैसला किया और इस दौरान वह किताबें और विभिन्न राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों में स्तंभ लिखते रहे. 15 दिन पहले तक उन्होंने लेखन कार्य किया था. कामथ को प्रसार भारती का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था. निधन से पहले तक वह मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस के मानद अध्यक्ष एवं निदेशक रहे.
संघ ने व्यक्त किया गहरा शोक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबले ने श्री कामथ के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने अपने संक्षिप्त शोक संदेश में कहा, “ श्री एमवी कामथ महान लेखक और उत्कट देशभक्त थे. उन्होंने हमारे आंदोलन के श्रेष्ठ समय और बुरे दिनों दोनों में ही तथाकथित सेक्युलर जगत से संघर्ष करते रहे.
नरेन्द्र मोदी ने कामथ के निधन पर शोक जताया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रख्यात पत्रकार एमवी कामथ के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने कहा कि कामथ का निधन साहित्य एवं पत्रकारिता जगत के लिये अपूरणीय क्षति है. प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा कि बेहद प्रतिभाशाली लेखक और बेहतरीन इंसान एमवी कामथ का निधन साहित्य और पत्रकारिता जगत के लिये क्षति है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें. उन्होंने लिखा कि मुझे एमवी कामथ जी के साथ हुए कई संवाद याद आ रहे हैं. वे ज्ञान के भंडार थे, विनम्रता और शिष्टता से परिपूर्ण थे.