कोरोना योद्धाओं पर हमले
नई दिल्ली. कोरोना योद्धाओं पर हो रहे हमलों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार ने कानून में संशोधन करते हुए नियमों को सख्त कर दिया है. इसके बावजूद पुलिस कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले की घटनाएं रुक नहीं रही हैं. पिछले दो दिन में देशभर में कोरोना योद्धाओं पर हमले की कई घटनाएं हुई.
ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के नाला रोड में सोमवार (अप्रैल 5, 2020) को स्वास्थ्यकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया. कोरोना संभावितों को क्वारेंटाइन करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की गाड़ी लेने पहुंची तो उन पर पत्थरों से हमला किया गया.
नाला रोड इलाके में एक 29 वर्षीय महिला को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. उसे राउरकेला स्थित हाइटेक कोविड अस्पताल में भर्ती करने के बाद स्वास्थ्यकर्मी उसके सम्पर्क में आने वालों को क्वारेंटाइन करने के लिए पहुंचे थे. लेकिन स्थानीय लोगों ने एंट्री और एग्जिट गेट बंद कर पत्थरबाजी शुरू कर दी. इसके बाद पुलिस को एरिया के प्रबुद्धजनों के साथ बैठक करनी पड़ी. तब जाकर मामला शांत हुआ. नाला रोड मुस्लिम बहुल क्षेत्र है.
इससे पहले राउरकेला के कन्टेनमेंट एरिया में 50 आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ब्लड सैम्पल इकठ्ठा करने के लिए लगाया गया था. तब भी सैम्पल कलेक्शन के दौरान उन पर थूकने व हमले हुए थे. गाली-गलौच और भद्दे कमेंट किए गए थे. जिस पर आशा कार्यकर्ताओं ने धरना देकर अपनी सुरक्षा की मांग की थी.
‘कोरोना मुसलमानों को नपुंसक बनाने की चाल, नर्स अगर हिन्दू हो तो उसे लगा दो इंजेक्शन’- AIMIM नेता अबु फैजल
कोरोना महामारी के बीच असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के नेता अबु फैजल का एक वीडियो सामने आया है. वीडियो में अबु फैजल मुस्लिमों को इलाज करवाने से मना कर रहे हैं.
वीडियो में अबु फैजल कह रहे हैं कि कोरोना का तो केवल बहाना है. वास्तविकता में सरकार और डॉक्टर मिलकर मुस्लिम महिलाओं को ऐसा इंजेक्शन दे रहे हैं, जिनसे उनके बच्चे न हों और मुस्लिम आबादी न बढ़े. वीडियो में फैजल अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए मुस्लिमों को सख्त हिदायत दे रहे हैं कि वे किसी तरह का इंजेक्शन न लें और अगर कोई बार-बार बोले तो उसका हाथ तोड़ दें या फिर वो इंजेक्शन पहले उसके लगा दें.
फैजल ने मुस्लिम महिलाओं से भी कहा कि अगर नर्स इंजेक्शन लगाने पास आए तो उसका नाम पूछो अगर वे मुसलमान नहीं है यानि हिन्दू है, तो आधा इंजेक्शन उसे दे दो. अबु फैजल का वीडियो आने के बाद एक ऑडियो भी आया है. जिसमें एक व्यक्ति कह रहा है, पहले मुसलमानों को पकड़ा जाता है, फिर मारा जाता है और बाद में बच्चों-बुजुर्गों को छोड़ दिया जाता है. लेकिन जवानों को अपने साथ ले जाकर ऐसी दवा देते हैं, जिससे मुसलमान या तो नपुंसक हो जाता है या फिर धीरे-धीरे बीमार होकर मर जाता है. वैश्विक महामारी कोरोना को सिरे से खारिज करते हुए फैजल कहता कि कोई बीमारी नहीं है. ये संघ की चाल है. केवल मुसलमानों को टारगेट करके देश का माहौल खराब किया जा रहा है.
लॉकडाउन का पालन कराने गई पुलिस पर किया था हमला
उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में 5 मई को लॉकडाउन का उल्लंघन किए जाने की सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस पर उपद्रवियों ने हमला किया. इस मामले में सोमवार को पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने इस मामले में 21 लोगों को नामजद किया है.
मऊ जिले के सरायलखंसी थाना क्षेत्र के चोरपा खुर्द गांव में 30 अप्रैल को दो दर्जन से अधिक लोग इकट्ठे हो गए थे. उस दौरान गांव के लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना के आधार पर पुलिस गांव पहुंची, तो मौके पर भीड़ को देखा. जो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रही थी. पुलिस ने जब लोगों को समझाया तो कुछ उपद्रवियों ने पुलिस पर लाठी और डंडों से हमला कर दिया. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई.
थानाध्यक्ष सरायलखंसी डीके श्रीवास्तव ने बताया कि उपद्रवियों ने पुलिसकर्मी के साथ मारपीट की औऱ उनकी वर्दी फाड़ दी. मामले की गंभीरता को देखते हुए 21 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और आगे की कर्रवाई की जा रही है.