जम्मू. जम्मू-कश्मीर के जम्मू संभाग में शिवसेना और डोगरा फ्रंट ने कश्मीरी हिन्दू तीर्थस्थल एवं धर्मस्थल प्रबंधन एवं नियमन विधेयक 2009 का यह कहकर विरोध किया है कि यह हिन्दू समुदाय को कश्मीरी और गैर कश्मीरी के रूप में बांटने का षड्यंत्र है. फ्रंट ने इस विवादास्पद विधेयक के विरोध में 14 जुलाई को जुलूस निकाला. जुलूस के बाद सभा को सम्बोधित करते हुए फ्रंट के अध्यक्ष श्री अशोक गुप्ता ने कहा कि घाटी के हिन्दू धर्मस्थलों की रक्षा एवं कल्याण सभी हिन्दुओं की साझा चिन्ता है.
फ्रंट ने मांग की कि आतंकवाद की पराकाष्ठा के समय भी जो हिन्दू धर्मस्थल और मठ चलते रहे और जिनका कानून निर्माण हुआ है, उन्हें विधेयक के जरिये बाधित नहीं किया जाना चाहिये. आतंकवाद के सबसे कठिन दौर में भी साहस के साथ इन धर्मस्थलों की रक्षा करने वालों को दंडित करने की बजाय प्रोत्साहित किया जाना चाहिये. फ्रंट ने विधेयक के वर्तमान स्वरूप की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इसमें अनेक विसंगतियां हैं.
फ्रंट का मानना है कि मुट्ठी भर निजी स्वार्थी तत्व सभी हिन्दू धर्मस्थलों का नियंत्रण सरकार के हाथों में देना चाहते हैं. बहुसंख्य कश्मीरी पंडित धार्मिक स्थलों पर कब्जा जमाने की बजाय घाटी में अपनी सिर्फ सुरक्षित वापसी चाहते हैं. उसने संयुक्त चयन समिति में मुस्लिम सदस्यों की मौजूदगी का भी विरोध किया. साथ ही, राज्य सरकार को हिन्दुओं के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप न करने की चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार इस पर आगे बढ़ी तो उसे आन्दोलन करना पड़ेगा.