वाराणसी (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक 11 मार्च से 13 मार्च 2016 तक सम्पन्न हुई. बैठक में काशी प्रान्त के सभी 24 जिलों से 41 प्रतिनिधि उपस्थित थे. अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक से लौटे काशी प्रान्त के प्रान्त कार्यवाह बॉकेलाल यादव जी ने लंका स्थित विश्व संवाद केन्द्र में पत्रकार वार्ता में कहा कि इस बार प्रतिनिधि सभा की बैठक में पारित, पहले प्रस्ताव में देश के सभी नागरिक आजीवन स्वस्थ व निरोग रहें, इस हेतु स्वास्थ्यपूर्ण जीवन शैली का अनुसरण एवं सर्व साधारण के लिये चिकित्सा की सुलभता के लिये संघ स्वयंसेवकों सहित सभी देशवासियों, स्वैच्छिक संगठनों व सरकार का आह्वान करती है कि सभी नागरिकों के जीवन को निरोग बनाने हेतु स्वास्थ्यप्रद जीवनचर्या, शिशु व जननी स्वास्थ्य रक्षा और कुपोषण व नशा विमुक्ति हेतु समाज जागरण के प्रयास करें. इसके लिए देश में सभी प्रकार की चिकित्सा पद्धतियों के समन्वित विस्तार, नियमन, शिक्षण व अनुसन्धान को समुचित प्रोत्साहन दें तथा नियामक व्यवस्था व वैधानिक प्रावधानों को पारदर्शिता पूर्वक लागू करें.
गुणवत्तापूर्ण एवं सस्ती शिक्षा सबको सुलभ हो, इसको लेकर प्रतिनिधि सभा में दूसरा प्रस्ताव पारित किया गया. क्योंकि राष्ट्र व समाज के सर्वांगीण विकास में शिक्षा एक अनिवार्य साधन है, जिसके संपोषण, संवर्द्धन व संरक्षण का दायित्व समाज व सरकार दोनों का है. इसके लिए संघ केन्द्र, राज्य सरकारों व स्थानीय निकायों से आग्रह करेगा कि सस्ती व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सबको उपलब्ध कराने के लिए समुचित संसाधनों की व्यवस्था तथा उपयुक्त वैधानिक प्रावधान सुनिश्चित करें. देशवासियों का भी आह्वान करेगा कि शिक्षा प्रदान करने के पावन कार्य हेतु विशेषकर ग्रामीण, जनजातीय एवं अविकसित क्षेत्र में आगे आएं ताकि एक योग्य, क्षमतावान व ज्ञानाधारित समाज का निर्माण हो सके जो इस राष्ट्र के उत्थान व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
तीसरे प्रस्ताव पर कहा कि दैनन्दिन जीवन में सबका व्यवहार समरसतापूर्ण बने, इसके लिये संघ सभी पूज्य संतों, प्रवचनकारों, विद्वज्जनों सामाजिक कार्यकर्ताओं से अनुरोध करेगा कि इस हेतु समाज प्रबोधन में अपना सक्रिय योगदान दें. क्योंकि भारत एक प्राचीन राष्ट्र है और इसकी चिन्तन परंपरा भी अति प्राचीन है. हमारी अनुभूत मान्यता है कि चराचर सृष्टि का निर्माण एक ही तत्व से हुआ है और प्राणीमात्र में उसी तत्व का वास है. सभी मनुष्य समान है, क्योंकि प्रत्येक मनुष्य में वही ईश्वरीय तत्व समान रुप से व्याप्त है. इस सत्य को ऋषियों, मुनियों, संतगणों तथा समाज सुधारकों ने अपने अनुभव एवं आचरण के आधार पर पुष्ट किया है.
उन्होंने गणवेश में निकर के स्थान पर भूरे रंग की फुल पैन्ट के संबंध में बताया कि नागौर में आयोजित संघ की सर्वोंच्च नीति निर्धारक निकाय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने सर्वसम्मति से निकर के स्थान पर भूरे रंग की पैंट को गणवेश में स्वीकार किया है. संघ की पहचान सदैव ही उसका कार्य रहा है.
उन्होंने कहा कि युवाओं को संघ से जोड़ने के लिए ‘‘ज्वॉइन आरएसएस’’ नाम से संघ की वेबसाइट पर व्यवस्था बनायी गयी है. काशी प्रान्त में गत वर्षों में वेबसाईट के माध्यम से संघ से जुड़ने वाले युवाओं की संख्या बढ़ी है. वर्ष 2013 में जहां प्रतिवर्ष लगभग 1000 युवा संघ से जुड़ रहे थे, वहीं 2016 में यह संख्या बढ़कर 2000 प्रतिवर्ष हो गई है. आंकड़े दर्शाते हैं कि बड़ी संख्या में युवा संघ से जुड़ने की इच्छा रखते हैं.
प्रान्त कार्यवाह ने प्रान्त की संगठनात्मक विषयों की जानकारी दी कि गत वर्ष की तुलना में काशी प्रान्त में 79 शाखाओं की बढ़ोतरी हुई है. 2016 में प्रान्त में कुल 2297 संघ शाखाएं, 324 मिलन व 173 मण्डली है. शाखाओं में 1581 विद्यार्थी व 716 व्यवसायी शाखा हैं. काशी महानगर में कुल 152 शाखा है.