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कुछ लोग सबूत मांगकर सेना के पराक्रम पर सवाल उठा रहे – मे.जन. जीडी बक्शी

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इंदौर (विसंकें). डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति द्वारा आयोजित चिंतन यज्ञ में मेजर जनरल (सेनि.) जीडी बक्शी ने कहा कि देश के नागरिकों की सुरक्षा ही सरकार का पहला उत्तरदायित्व है. भारतीय सेना के लिए देश की सुरक्षा और सेवा प्रमुख ध्येय होता है, इसे प्रत्येक सैनिक जीवन पर्यन्त निभाता है. उन्होंने कहा कि समाज को सैनिकों का मनोबल बढ़ाना चाहिए, परन्तु कुछ लोग सबूत मांगकर उनके पराक्रम पर प्रश्नचिन्ह उठा रहे हैं जो बेहद शर्मनाक है! आज देश को तोड़ने के लिए एक खतरनाक विचारधारा पनप रही है. पाकिस्तान पिछले चार युद्ध हारने के बाद कश्मीर को पाने के लिया अप्रत्यक्ष युद्ध (प्रॉक्सी वॉर) की चाल चल रहा है.

आतंकवादी हमलों के कारण पिछले 30 वर्षों में 80 हजार से अधिक भारतीय लोगों की जान गई है. अब
हमें अपने देश के नागरिकों की जान की कीमत समझनी होगी.

सामान्य नागरिकों के लिये सबसे पहला मौलिक अधिकार जीवित रहने का अधिकार है, क्योंकि जीवित रहने पर ही शिक्षा, नौकरी और दूसरे कार्य संभव है. हमारी पिछली सरकार आतंकवादी आक्रमणों का केवल सामना करती थी और उससे होने वाले नुकसान की भरपाई करने तक सीमित थी. 2016 में पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक से सैनिकों का आत्मविश्वास बढ़ा है. पुलवामा की घटना के बाद हमारे सब्र का बांध टूट गया और हमने आतंकवादियों को करारा नुकसान पहुंचाया. जब तक आतंकवाद पर पूर्ण विराम नहीं लगता, तब तक यह गति रुकने वाली नहीं है.

हेडगेवारकार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात कमेंटेटर सुशील दोशी ने कहा कि पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री जो अपने आप को उदारवादी बताते हैं, वो अपने खिलाड़ी जीवन मे घमंडी थे. वे उस समय भी कश्मीर को लेकर बहुत सी प्रतिक्रियाएं देते थे. दोशी ने समाज से अनुशासित तथा जागृत रहकर राष्ट्र के लिये कार्य करने का आग्रह किया.

कार्यक्रम मे डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति के अध्यक्ष ईश्वर दास हिंदुजा उपस्थित थे. कार्यक्रम की प्रस्तावना डॉ. निशांत खरे ने रखी. एकल गीत तान्या पहाड़े ने गाया. कार्यक्रम का सञ्चालन विनय पिंगले ने किया. अतिथियों का आभार प्रदर्शन प्रांजल शुक्ल ने किया. वन्दे मातरम के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ.

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