देहरादून (विसंके). उत्तराखंड के चारधामों में से एक केदारनाथ की यात्रा के लिये अब सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक पहुंचने को यात्रियों को 19 किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी. इस पैदल रूट पर यात्रियों के लिये पांच पड़ाव निर्धारित किए गये हैं, जहां विश्राम स्थलों का संचालन गढ़वाल मंडल विकास निगम और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान करेंगे. बता दें कि पिछले वर्ष आपदा में केदारनाथ धाम को जोड़ने वाला 13 किमी का पैदल मार्ग ध्वस्त हो गया था. अब 19 किमी का नया मार्ग तैयार किया गया है.
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के मुख्यालय में पर्यटन मंत्री अमृता रावत ने चारधाम एवं हेमकुंड साहिब यात्रा 2014 के संचालन की समीक्षा की. इस दौरान बताया गया कि सोनप्रयाग से करीब दो किमी आगे तक सड़क बन चुकी है, जहां से केदारनाथ धाम के लिये यात्रा शुरू होगी. 19 किमी की इस यात्रा के दौरान गौरीकुंड, जंगलचट्टी, भीमबली, लैंचोली व केदारनाथ पांच पड़ाव होंगे.
इस अवसर पर चारधामों गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ व बदरीनाथ के मार्गों को 30 अप्रैल तक दुरुस्त करने के निर्देश दिए गये. बीआरओ की ओर से बताया गया कि रुद्रप्रयाग से केदारनाथ व बदरीनाथ मार्गों पर मरम्मत कार्य इस माह के अंत तक पूरा कर लिया जायेगा. हेमकुंड यात्रा की समीक्षा में बताया गया कि गोविंदघाट से हेमकुंड यात्रा के लिये पुल स्थान के लिये 15 मई की अंतिम तिथि निर्धारित की गई.
पर्यटन मंत्री ने सभी विभागीय अधिकारियों को चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा से जुड़ी व्यवस्थाओं को जल्द पूर्ण कराकर यात्रा को सफलतापूर्वक संचालित करने के निर्देश दिये. बैठक में पर्यटन सचिव उमाकांत पंवार, आयुक्त गढ़वाल सीएस नपलच्याल समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे.