नई दिल्ली. केरल वन विभाग द्वारा केंद्र को सौंपी गई पर्यावरण पर्यटन रिपोर्ट में शबरीमाला में भजन -कीर्तन को ध्वनि प्रदूषण की सूची में डाला गया है और तीर्थस्थल को पर्यावरण के लिए खतरे की सूची में डाला गया है. त्रावणकोर देवासम बोर्ड ने रिपोर्ट पर विरोध किया जताया है तथा बोर्ड के अध्यक्ष ए पद्मकुमार ने इन कथनों को तीर्थस्थल के लिए अपमानजनक बताया है.
वन विभाग की रिपोर्ट में लिखा गया है, “जंगल से जलाने की लकड़ी इकट्ठा करना, छाया के लिए बनाए गए आश्रय स्थल, प्लास्टिक कूड़ा, धार्मिक उद्घोषों से ध्वनि प्रदूषण, तीर्थयात्रियों के लिए बनाए गए मार्गों से मिट्टी का कटाव, रात में मंदिर दर्शन के लिए जाने पर उजाला किया जाना, अस्थाई शिविर आदि, इस तीर्थस्थल में होने वाले ये सभी कारण पर्यावरण के लिए प्रमुख खतरे हैं.”
इसके आगे रिपोर्ट में लिखा गया है कि इन सबके बावजूद वन विभाग ने शायद ही कभी तीर्थस्थल की गतिविधियों में हस्तक्षेप किया है. पद्मकुमार ने कहा कि बोर्ड के साथ मिलकर सुधार करने की बजाय वन विभाग की रिपोर्ट तीर्थस्थल की छवि को नुकसान पहुंचा रही है.