करंट टॉपिक्स

कैलाश मानसरोवर और तिब्बत की आजादी को लेकर मंथन

Spread the love

भारत तिब्बत सहयोग मंच की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक

जयपुर. चीन, तिब्बत के पर्यावरण को नष्ट कर रहा है. वह मठ मंदिरों को तोड़ने के साथ ही संस्कृति और भाषा को भी नष्ट करने पर तुला है. संपदा और खनिज संपदा को नष्ट करने के साथ ही वहां के मठ मंदिरों को भी तोड़ रहा है. भारत – तिब्बत समन्वय केन्द्र के समन्वयक ट्रिस्लुम जीग्मे ने शनिवार (25 जनवरी) को कहा कि चीन अब तिब्बत की धार्मिक आजादी पर भी जुल्म ढा रहा है. वह प्राकृतिक और खनिज संपदा नष्ट कर रहा है. तिब्बत के भारत से धार्मिक, सांस्कृतिक रिश्ते रहे हैं. तिब्बत की आजादी भारत के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है. वे भारत तिब्बत सहयोग मंच की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के शुभारंभ सत्र में संबोधित कर रहे थे.

जयपुर में आयोजित बैठक के पहले सत्र में कैलाश मानसरोवर और तिब्बत की चीन से मुक्ति के लिए संघर्ष का संकल्प दोहराया. हम संघर्ष कर रहे हैं, हमें पूरा विश्वास है कि हमें सफलता जरूर मिलेगी और एक दिन फिर से तिब्बतवासी आजादी की सांस लेंगे. बैठक में तिब्बत और कैलाश मानसरोवर को चीन से मुक्त कराने के लिए किए जा रहे जनजागरण को जनांदोलन कैसे बनाया जाए, इस पर मंथन किया गया. इसके साथ ही चीन की आर्थिक रूप से कमर तोड़ने के लिए चीन वस्तुओं के बहिष्कार के आंदोलन को घर घर तक पहुंचाने की रूपरेखा भी बनाई गई.

भारत तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल ने बताया कि चिंतन बैठक के पहले दिन संगठन विस्तार और तिब्बत तथा कैलाश मानसरोवर की चीन से मुक्ति के कार्यक्रमों पर चर्चा के बाद इस अभियान को आंदोलन के रूप में पूरे देश तथा विदेशों में चलाने की रणनीति पर मंथन किया गया है. उन्होंने कहा कि तिब्बत व कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के लिए चीन की आर्थिक कमर तोड़ने का काम मंच कर रहा है. चीनी वस्तुओं के बहिष्कार को लेकर जनजागरण किया जा रहा है. इस जनजागरण को जनांदोलन के रूप में परिवर्तित किया जाएगा. अभी तक केवल त्यौहारों पर चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की बात होती थी, अब दैनिक जीवन में भी चीनी वस्तुओं के उपयोग नहीं करने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा.

बैठक में निर्वासित तिब्बत सरकार की पूर्व गृहमंत्री गेयरी डोलमा, भारत-तिब्बत समन्वय केन्द्र के समन्वयक ट्रिस्लुम जीग्मे, अरूणाचल के पूर्व सांसद एवं तिब्बत समर्थक समूहों के समन्वयक आरके खिरमे, मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरजीत सिंह ग्रेवाल, केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कुलदीप चंद्र अग्निहोत्री, सहित मंच के 41 प्रांतों के पदाधिकारी शामिल हुए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *