नई दिल्ली. ग्लोबल इमाम काउन्सिल ने भारत के विरुद्ध करगिल युद्ध रचने वाले पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के कश्मीर पर बेहद भड़काऊ बयान को भारत विरोधी और असहनीय बताते हुए इसकी तीव्र निंदा की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीर के लोगों को थोड़ा भड़काने की जरूरत है और पाकिस्तान से भी लाखों लोग वहां लड़ने के लिये तैयार हैं. संगठन के महासचिव मौलाना मुफ़्ती वजाहत कासमी का कहना है कि कश्मीर में गिनती के 100-200 ही ऐसे अलगाववादी लोग हैं जो हिन्दुस्थान के मुसलमानों को बदनाम कर रहे हैं, उन्होंने उन्हें आतंकवादी घोषित करने की मांग की है.
प्रेस क्लब में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि श्री मुशर्रफ़ को अपने देश में ही देशद्रोही घोषित किया गया है, वह भारतीय मुसलमानों के हित के बारे में नहीं सोच सकते, सिर्फ पाकिस्तान में सस्ती लोकप्रियता बटोरने के लिये ऐसे बयान दे रहे हैं. उन्होंने जनरल मुशर्रफ और उन जैसे विचार रखने वाले पाकिस्तानी नेताओं को सलाह दी कि यह सब छोड़ कर अपने मुल्क में फैले अलगाववाद पर ध्यान दें. और हमारे देश के मामलों में दखल देना बंद करें.
उन्होंने बताया कि इस्लाम में खून-खराबे और फसाद के लिये कोई स्थान नहीं है. मगर हमारा पड़ोसी मुल्क हमेशा से ही इस्लाम के उसूलों के विपरीत चल कर बेवजह भारत की जमीन पर फसाद खड़ा कर मानवता के शत्रु के रूप में पूरी दुनिया में बदनाम हो गया है.
मौलाना ने बताया कि भारत के अभिन्न अंग कश्मीर पर पाकिस्तान की नजर हमेशा से ही खराब रही है जबकि सबको मालूम है कि कश्मीर राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से भारत का अभिन्न अंग है. कश्मीर के लिये पाकिस्तान भारत से लगातार जंग की हालत में रहता है जो कि इस्लामी उसूलों के एतबार के खिलाफ-ए-शरियत है, क्योंकि जमीन पर फसाद पैदा करने वाले को अल्लाह बदतरीन समझता है.
ग्लोबल इमाम काउन्सिल के सचिव इमाम हाफिज सय्यद ने मुशर्रफ के बयान के जवाब में कहा कि कश्मीर के मुसलामानों ने बहुत पहले हिन्दुस्थान के साथ रहने का फैसला कर लिया था और हिन्दुस्थान का मुसलमान कश्मीर की रक्षा के लिये अपनी जान दे भी सकता है और ले भी सकता है. कश्मीर की 98 प्रतिशत आबादी आज भी भारत पर भरोसा करती है, अगर पाकिस्तान हमला करता है तो वहां का मुसलमान उन्हें रोकने के लिये पहले खुद जायेगा और जान दे कर भी कश्मीर को पाकिस्तान में जाने से रोकेगा.
मध्यप्रदेश हज कमेटी के सदस्य शीराज़ कुरैशी एडवोकेट ने कहा कि मुशर्रफ ने अपने बयान से भारत के इस दृष्टिकोण को वैश्विक स्तर पर सही साबित कर दिया है कि वह कश्मीर में अपने अलगाववादी और आतंकी संगठनों को चला रहे हैं. “सेना के अलावा हजारों लोग कश्मीर के लिये लड़ने के लिये तैयार हैं” मुशर्रफ के इस बयान का साफ मतलब है कि पाकिस्तान ने अपने लड़ाके कश्मीर में लड़ने के लिये छोड़ दिये हैं, जिसका जिक्र भारत कई सालों से करता रहा है. पाकिस्तान कश्मीर के नौजवानों को बरगला कर वहां पर आई.एस.आई के माध्यम से आतंकी संगठन खड़े कर अलगाववाद की आग लगा रहा है और पाक प्रेरित इन संगठनों ने कश्मीर के मुसलमान और हिन्दुओं का जीना दूभर कर दिया है. वहां रोज कर्फ्यू, बंद, पथराव और आगजनी के कारण हालात जंग से भी बदतर रहते हैं, जिससे कश्मीर के निवासियों की शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य की स्थिति चिंताजनक हो गयी है, इस कारण कश्मीरी युवा और व्यवसायी अपना घर छोड़ कर खानाबदोशों की तरह जीवनयापन को विवश हैं.
श्री कुरैशी ने पाकिस्तान से पूछा कि जब वह बातें मुसलमानों की हमदर्दी की करता है तो वह मुसलमान भाइयों के लिये दुश्मन क्यों बना बैठा है? उन्होंने कहा कि वास्तव में पाकिस्तान सीधे-सीधे मुसलमानों के साथ धोखा करता है. उन्होंने कहा कि कश्मीर के नागरिकों ने कभी भी पाकिस्तान से जुड़ने की बात नहीं कही है, बस चंद लोग किसी लालच में आ कर पूरे कश्मीर को बदनाम कर रहे हैं जो पाकिस्तान की साजिश है. स्वयं पाकिस्तान के कराची में हर दिन लगभग 10 हत्यायें होती हैं और पाकिस्तान की परिस्थितियां ऐसी हैं कि वहां आम आदमी की जिंदगी की कोई कीमत नहीं है, इसको ध्यान में रख मुशर्रफ को भारत के आंतरिक मामलों पर दखल देने की बजाये पाक नागरिकों के जीवन के बारे में चिंतित होना चाहिये.
श्री कुरैशी ने कश्मीर में आयी बाढ़ पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कश्मीर आज सैलाब की वजह से मुसीबत में है और ऐसे नाजुक समय में भी मुशर्रफ राजनीति करके मुसलमानों को भड़का रहे हैं, जबकि इस मौके पर उन्हें कश्मीर के लोगों को हमदर्दी और मदद करनी चाहिये थी. भारत सरकार और समस्त भारतीयों की उन्होंने प्रसंशा करते हुए कहा कि उन्होंने आपने-अपने तरीके से कश्मीर के लोगों की सहायता की है और कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि भारत का मुसलमान ईमान को मजबूती से पकड़ कर रखता है और ईमान का यह तकाजा है कि जिस मुल्क में रहो उस मुल्क के कानून और सभ्यता को मानो. कई बार अपनी जानों को कुर्बान करके भारत की शान बढ़ा कर मुसलामानों ने यह साबित किया है कि हर क्षेत्र में मुसलमान काम करके भारत की मान मर्यादा और विकास में सहायक हैं. उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि वह इंसानियत को कायम रखते हुए, बेवजह मासूमों का खून बहाना बंद करे, नहीं तो हम भारत के मुसलमानों को दुनिया में पाकिस्तान के खिलाफ आवाज बुलंद करनी पड़ेगी.
उन्होंने देश के मुसलामानों की ओर से साफ शब्दों में पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत में पाकिस्तान द्वारा फैलाये जा रहे जहर को अब कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमान न मुशर्रफ और न हुर्रियत के पिछलग्गू हैं. शीघ्र ही देशभर के मुसलमानों के बीच जा कर मुशर्रफ के विरोध में हस्ताक्षर अभियान शुरू किया जायेगा और एक विरोध पत्र पाक दूतावास को सौंपा जायेगा. उन्होंने केन्द्र सरकार से अपील की कि मुशर्रफ को तत्काल भारत का दुश्मन नम्बर एक घोषित किया जाये.