उदयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले ने कहा है कि देश में तीन प्रकार का संकट है. पहला चरित्र दूसरा विश्वसनीयता तथा तीसरा सहमति का अभाव. युवा संकल्प शक्ति, संगठन एवं परिश्रम से देश को श्रेष्ठ बना सकते हैं. होसबाले 27 नवंबर को यहां सुखाड़िया रंगमंच के विवेकानंद सभागार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उदयपुर महानगर की ओर से आयोजित महाविद्यालय विद्यार्थी सम्मेलन में बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे.
श्री होसबाले ने कहा कि भारतीयों ने धन अरिजित किया लेकिन उनमें सिविक सेंस नहीं है. चीन भारत के व्यापार पर कब्जा करता जा रहा है, लेकिन हम अपने देश में बने उत्पाद को खरीदने के बजाये विदेशी माल को खरीदने में शान समझते हैं. उन्हॆंने कहा कि हमारी सीमा सुरक्षित नहीं है. देश में लोकतंत्र बंदूक की नोक पर नक्सलवादी सरकार के साथ युद्ध कर समाज में भय पैदा करना चाहते हैं. बन्दूक की नोक पर समस्या का हल नहीं हो सकता है.
सहसरकार्यवाह ने कहा कि हमें गौरव अनुभव करना चाहिये कि दुनिया के सर्वाधिक महापुरुष भारत ने दिये हैं. तथापि अपने मकान के आसपास सफाई रखने के लिये प्रधानमंत्री को कहना पड़ता है. क्योंकि भारत में नागरिकता-बोध नहीं है. शिक्षा के बारे में उन्होंने कहा कि आज हम गुरुकुल पद्धति को तो लागू नहीं कर सकते, लेकिन भारतीय जीवन मूल्यों वाली शिक्षा पद्धति पर विचार करना चाहिये.
अध्यक्षता राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति शिवसिंह सारंगदेवोत ने की. समापन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उदयपुर महानगर संघचालक राजेन्द्र कोठारी ने आभार व्यक्त किया. उदयपुर विभाग के विभाग संघचालक गोविंद सिंह टांक, महानगर के महाविद्यालय विद्यार्थी प्रमुख विष्णु नागदा भी मौजूद थे.