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जयपुर – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का ई-शिविर, 5654 युवाओं ने लिया भाग

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जयपुर (विसंकें). राजस्थान के दक्षिण पूर्व क्षेत्र के ग्यारह जिलों से बने चितौड़ प्रांत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा 1 व 2 मई को दो दिवसीय महाविद्यालय विद्यार्थियों का अप्प दीपो भव नाम से ई-शिविर का आयोजन किया गया. वर्तमान परिस्थितियों में एकत्र होना सम्भव नहीं, अपने ही घर में शिविर की दिनचर्या का अनुशासन से पालन करना है, निरीक्षक कोई नहीं अतः अपना प्रकाश स्वयं बनें, के मूल भाव से ई-शिविर का आयोजन किया गया. शिविर का पंजीयन ऑनलाइन लिंक द्वारा किया गया था. महाविद्यालय विद्यार्थियों में ई-शिविर को लेकर उत्साह रहा, ऑनलाइन पंजीयन की दो दिन की प्रक्रिया में 5727 स्वयंसेवकों का पंजीयन हुआ.

5654 शिक्षार्थियों ने पूर्ण किया शिविर

इस शिविर की दिनचर्या उसी प्रकार थी जैसे सामान्य शिविरों में रहती है. सभी ने घर मे रहकर दिनचर्या का पालन किया. प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में 5 बजे जागरण के साथ अपने देश के पवित्र तीर्थ स्थान, पर्वत, नदी, महापुरुषों, वीरांगनाओं, वैज्ञानिकों, बलिदानियों का स्मरण एकात्मता स्तोत्र के रूप में किया. अपने शरीर, मन, बुद्धि को स्वस्थ रखने के लिए एक घंटे की शाखा, जिसमें बुद्धि व साधन के खेल, योग, आसन, प्राणायाम, नियुद्ध (जूडो कराटे) आदि शारीरिक कार्यक्रमों के साथ सुभाषित, अमृत वचन, संघ गीत करते हुए भारत माता की आराधना वाली प्रार्थना की. दोनों दिन घर में श्रम साधना (सफाई आदि कार्य) और गीत आदि का अभ्यास किया. शिविरार्थी ने दोनों दिन एक आदर्श हिन्दू घर, स्वदेशी एवं संघ और सेवा कार्य विषयों पर परिवारजनों के साथ चर्चा की. दिन में स्वाध्याय हेतु दो ई-पुस्तक संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार और समर्पण का पठन किया, बिंदु भी तैयार किए. सायं काल हिन्दू विचार की स्वीकार्यता एवं वर्तमान में विश्व में बढ़ता भारत का गौरव और युवाओं की भूमिका विषय पर वीडियो क्लिप द्वारा बौद्धिक सुना व बिंदु भी तैयार किए. सायं शाखा के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा रात्रि में भजन, गीत, अंत्याक्षरी और प्रतिभा प्रकटीकरण के रोचक व प्रेरणादाई कार्यक्रम कर ईश वंदना करते हुए दीप निमिलन किया. शिविर में भाग ले रहे 5654 शिक्षार्थियों की देखभाल  और शिविर संचालन  नगर, खण्ड, जिला, व विभाग टोली के 747 कार्यकर्ताओं ने किया. शिविर की पूर्व तैयारी हेतु 7 विभागों के 117 महाविद्यालय विद्यार्थियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा बैठकें की गई. प्रांत में शिविरार्थियों के छोटे छोटे व्हाट्सअप समूह बनाए गए. उन समूहों के सफल संचालन के लिये भिन्न-भिन्न दायित्वों की टोली जैसे जागरण टोली (जिसे प्रेरक नाम दिया) पंजीयन टोली, शारीरिक टोली, बौद्धिक टोली व तकनीकी टोली भी सभी स्तर पर बनाई गई.

शिविर के समापन पर सभी शिक्षार्थियों से  अनुभव व सुझाव लिंक द्वारा मांगे गए. सभी शिक्षार्थियों ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान इस प्रकार का ई शिविर का अनुभव नया था. स्वयं के विकास के लिये यह अत्यंत उपयोगी रहा, व बहुत उत्साहजनक रहा. जयपुर प्रान्त के शेखावाटी अंचल, बृज अंचल और गुलाबी नगरी जयपुर सहित 14 जिलों के लगभग 800 स्वयंसेवक कार्यकर्ता विद्यार्थियों का शिविर हुआ है.

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