नई दिल्ली . दिल्ली में यमुना नदी के प्रदूषण को समाप्त करने में दिल्ली सरकार को अपने मंत्रालय का पूरा सहयोग देने का आश्वासन देते हुए उमा भारती ने कहा कि इस कार्य में किसी प्रकार के सरकारी प्रोटोकॉल को आड़े नहीं आने दिया जायेगा. श्राद्ध के दौरान तर्पण का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि अब गंगा का पानी कई जगहों पर पशुओं के उपयोग के लायक भी नहीं रह गया है. उन्होंने कहा कि हम तीन साल के अंदर गंगा की एक अविरल धारा सुनिश्चित करेंगे.
जल विपदा और जल प्रबंधन के बारे में यहां आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में उन्होंने यमुना और गंगा के बारे मे उक्त बातें कहीं. उन्होंने विलुप्त सरस्वती नदी को खोजने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ने संबंधी संसद में दिए गये अपने बयान पर हुई प्रतिक्रियाओं का जवाब देते हुए कहा कि इस खोज के पीछे कोई धार्मिक भावना काम नहीं कर रही है बल्कि इसके ज़रिये पानी के स्रोतों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है.
नदियों को जोड़ने की योजना को लेकर उठाई जा रही आशंकाओं का उल्लेख करते हुए केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि नदियों को जोड़ने से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचे. देश की कुछ नदियों को आपस में जोड़ने के कार्य को अगले 10 साल में पूरा करने की सरकार की योजना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा करने से देश में नदियों के जल की सर्वत्र उपलब्धता होगी और बाढ़ के पानी का भी समुचित उपयोग किया जा सकेगा.