प्रशांसत भूषण ने लिखा – अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने के लिए औपनिवेशिक कानून का दुरुपयोग
नई दिल्ली. पुलिस ने दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. उन्होंने फेसबुक और ट्विटर पर एक पोस्ट कर सैलाब की धमकी दी थी. पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने के पश्चात लिबरल गैंग के सदस्य सामने आने लगे हैं और जफरुल इस्लाम खान की पोस्ट को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताकर पुलिस कार्रवाई का विरोध करने लगे हैं.
प्रशांत भूषण ने लाइव लॉ के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा – अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दबाने के लिए राजद्रोह जैसे औपनिवेशिक कानून का दुरुपयोग जारी है.
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के संयुक्त आयुक्त नीरज ठाकुर ने बताया कि गुरुवार (अप्रैल 30, 2020) को जफरुल इस्लाम के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए और 153 ए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. सोशल मीडिया में भड़काऊ पोस्ट को पढ़कर वसंत कुंज के रहने वाले एक व्यक्ति ने शिकायत कर मुकदमा दर्ज कराया है. सफदरजंग एनक्लेव के सहायक पुलिस आयुक्त के माध्यम से ये शिकायत स्पेशल सेल ऑफिस में पहुंची है. शिकायत में आरोप है कि 28 अप्रैल को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने ट्विटर और फेसबुक पर पोस्ट किया जो भड़काऊ है और इसका मकसद देश में सौहार्द्र बिगाड़ना और समाज में भेदभाव पैदा करना है.
जफरूल इस्लाम खान की पोस्ट के बाद विवाद खड़ा हो गया था. हालांकि जफरुल इस्लाम ने अपनी पोस्ट को लेकर माफी मांगी है, कहा – मैं उन सभी से माफी मांगता हूं, जिनकी भावनाएं आहत हुई हैं.
28 अप्रैल को जफरुल इस्लाम ने ट्वीट कर कहा था कि कट्टर हिन्दुओं को शुक्र मनाना चाहिए कि भारत के मुसलमानों ने अरब जगत से कट्टर हिन्दुओं द्वारा किये जा रहे उत्पीड़न, लिंचिंग और दंगों’ को लेकर कोई शिकायत नहीं की है और जिस दिन अरब से शिकायत करेंगे, उस दिन सैलाब आ जाएगा.