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दुर्गा वाहिनी ने सिखाये आत्म रक्षा के गुण

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नई दिल्ली, 4 जून. महिलाओं की स्थिति किसी भी देश की प्रगति का सूचकांक होती हैं. जहां की बालिकायें  महिलायें सुशिक्षित, संस्कारित, सुरक्षित व शक्तिशाली होती हैं, वही समाज व देश संसार में प्रगति का वाहक बनता है.

 दुर्गा वाहिनी दिल्ली के प्रशिक्षण शिविर के समापन कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री डा सुरेन्द्र जैन ने कहा कि यदि भारत को शक्तिशाली बनाना है तो बालिकाओं व महिलाओं का चहुंमुखी विकास अति आवश्यक है. बालिकाओं में संस्कारसुरक्षा व सेवा की भावनाओं का जो संचार दुर्गा वाहिनी ने किया है उससे उनमें आत्मविश्वास की भावना जागेगी और राष्ट्र मजबूत होगा.

बालिकाओं ने प्रशिक्षण के दौरान सीखी हुई कलाओं का प्रदर्शन जब आज उपस्थित जनसमूह के समक्ष किया तो सभी मंत्र-मुग्ध थे.इस अवसर पर दुर्गा वाहिनी की प्रान्त संयोजिका श्रीमती संजना चौधरी ने कहा कि शिविरों में हमने बालिकाओं के लिये योग,प्राणायामध्यानशारीरिक शिक्षानियुध्द (जूडो-कराटे), लक्ष्य भेद (एयर गन), बाहरी आक्रमणों से बचावप्राथमिक चिकित्सा इत्यादि का प्रशिक्षण देकर खेल ही खेल में उनको जीवन जीने की कला सिखाई  है.

पूर्वी दिल्ली के करावल नगर में आयोजित दुर्गावाहिनी प्रशिक्षण शिविर के समापन में शिविर की वर्गाधिकारी श्रीमती संध्या शर्मा ने कहा कि सप्ताह भर तक चले इस शिविर में 15 से 35 वर्ष की बालिकाओं को महिला-सशक्तीकरणआदर्श हिन्दू परिवार, सत्संग, गौ रक्षा, जेहादी आतंकवाद से बचावसामाजिक कुरीतियां व उनका उन्मूलनआदर्श नारीकिशोरावस्थास्वदेशी तथा व्यक्तित्व विकास के अलावा अनेक सम-सामयिक विषयों पर विशेषज्ञों और प्रबुद्ध वर्ग के लोगों का मार्गदर्शन मिला.

मातृ शक्ति की प्रान्त संयोजिका श्रीमती सिम्मी आहूजा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती आंचल दहिया, विशिष्ठ अतिथि पूर्वी दिल्ली की महापौर श्रीमती मीनाक्षी शिवम तथा शारीरिक प्रमुख दुर्गा वाहिनी की प्रान्त सह संयोजिका कु. कुसुम चौहान थीं.

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