रायपुर. आदि पत्रकार के तौर पर पूजे जाने वाले देवर्षि नारद की जयंती तथा नारद सम्मान समारोह का आयोजन 12 मई को संपन्न हुआ. छत्तीसगढ़ विश्व संवाद केन्द्र की ओर से आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार श्री गोपाल वोरा को पत्रकारिता में अमूल्य योगदान के लिये “नारद सम्मान” से सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात लेखक एवं पत्रकार प्रो. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री थे. बतौर मुख्य वक्ता उन्होंने कहा कि सृष्टि का प्रथम पत्रकार नारद जी को माना जाता है जिनकी खबरों का मुख्य आधार सृष्टि का कल्याण होता था. फिर चाहे खबर दानव पक्ष की हों या देवता पक्ष की. वर्तमान में मीडिया से जुड़े पत्रकारों के लिये भी समाज और देश हित ही सर्वोपरि होना चाहिये. उन्होंने अफसोस जताया कि आज के मीडिया-माहौल में अंग्रेजी पत्रकारों को ज्यादा योग्य समझा जाता है जबकि भाषा के मामले में आम आदमी तक, हिन्दी अखबार और पत्रकारों की पहुंच ज्यादा होती है. घर के ड्राइंगरूम में अंग्रेजी अखबार रखा जाना स्टेटस जरूर माना जाता है, लेकिन मन को संतुष्टि हिन्दी अखबारों से ही होती है.
श्री अग्निहोत्री ने खबरों की प्रासंगिकता के कई उदाहरण सामने रखे और कहा कि सवा सौ करोड़ की आबादी वाले भारत देश में विदेशी खबरों के लिये दूसरी एजेंसियों या विदेशी पत्रकारों पर निर्भर रहना पड़ता है. क्या हम ऐसा माहौल या कार्यसंस्कृति विकसित नहीं कर सकते कि खबरों के लिये दूसरे देश भारत पर आश्रित रहें. श्री अग्निहोत्री ने पेड न्यूज वाले मीडिया पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि जो सच है, वह दिखना-छपना चाहिये, लेकिन कई अखबार सिर्फ पेड न्यूज ही प्रकाशित कर इतिश्री मान लेते हैं, जबकि यह उस पाठक के साथ अन्याय है जो विश्वास के साथ अखबार खरीदता है या चैनल पर अपना भरोसा रखता है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे “तरूण छत्तीसगढ़” के संपादक श्री कौशल किशोर मिश्र ने नारद सम्मान के महत्व को रेखांकित किया तथा आयोजन की सराहना की. विशिष्ट अतिथि के रूप में मध्यक्षेत्र के क्षेत्र प्रचारप्रमुख श्री नरेन्द्र जैन उपस्थित थे. कार्यक्रम दीप प्रज्जवलन तथा अतिथियों के स्वागत और परिचय के साथ प्रारम्भ हुआ. तत्पश्चात संस्था के सहसचिव अनिल द्विवेदी ने सांगठनिक गतिविधियों पर प्रकाश डाला. गायक शशांक शुक्ल ने “वंदे मातरम” प्रस्तुत किया जबकि संचालन वरिष्ठ पत्रकार शशांश शर्मा ने तथा आभार प्रदर्शन वरिष्ठ पत्रकार कृष्णा दास ने किया. कार्यक्रम का संयोजन कनिराम नंदेश्वर तथा श्री सुरेन्द्र जी ने किया.