सिसई, गुमला (झारखंड). सिसई के सुरसा गांव स्थित कोटारी के सरना मैदान में 28 फरवरी को हिन्दू जागरण मंच द्वारा सरना सनातन महासम्मेलन का आयोजन किया गया. अतिथियों का परम्परागत तरीके से छात्राओं द्वारा स्वागत किया गया. मुख्य मंच के समीप ही मौजूद सरना स्थल पर संघ प्रचारक ने सरना माता की पूजा अर्चना की. आंतरिक सुरक्षा पर केंद्रित महासम्मेलन में सरना सनातन धर्मावलम्बियों में एकजुटता व समकालीन सभी देश व सरना सनातन हिन्दू समाज के समक्ष चुनौतियां विषय पर जागरूक किया.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत प्रचारक रविशंकर जी ने महासम्मेलन में कहा कि झारखण्ड सहित पूरे देश में राष्ट्र हित में सरना समाज व सनातन समाज को एकजुट होना होगा, यही वर्तमान की मांग है. देश की आंतरिक सुरक्षा पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत को हर काल में देश के भीतर से ही कुछ मुट्ठीभर गद्दारों के कारण बड़ा खतरा रहा है. आज का वर्तमान भारत भी इस कटु सच से अछूता नहीं है. राजनीतिक षड्यंत्रों की वजह से देश में जबरन धर्मनिरपेक्षता थोपी जा रही है जो मूल रूप से छद्म वेश में भारत को नित डंसने का काम करती रही है. वर्तमान भारत में छद्म धर्मनिरपेक्षता देश को बहुत गहरे संकट की ओर धकेल रही है जो अपने आप में भारत में एक नए विभाजन की नींव तैयार कर रही है. पूर्व की गलत नीतियों के कारण भारत माँ के 1947 में दो टुकड़े कर दिए गए, विभाजन की भयानक विभीषिका में लाखों लोगों को जान गंवानी पड़ी. देश के जाने-माने संस्थान जेएनयू में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ के नारे लगते हैं, तब देश को अत्यंत पीड़ा होती है कि किस तरह राजनीतिक संरक्षण में भारत की गोद में आस्तीन के सांप पाले जाते रहे. सत्ता की आड़ में जहरीले सर्पों को दूध पिलाया गया. देश किसी भी सूरत में अगले किसी भी विभाजन को सहन करने की स्थिति में नहीं है. हिन्दू जागरण मंच देश व धर्म की सुरक्षा के प्रति दृढ़ संकल्पित है.
उन्होंने लव जिहाद, जनसंख्या जिहाद, भू – जिहाद, से समाज को सतर्क और सजग रहने के लिए जागरूक किया. झारखण्ड के परिप्रेक्ष्य में कहा कि ज्यादातर जनजातीय सरना समाज को बरगलाया जा रहा है. बेटी व बहन का ईसाईकरण करने के लिए नित नए कुचक्रों का सहारा लिया जा रहा है और इसके लिए अंतराष्ट्रीय स्तर पर साजिशें रची जा रही हैं और इन्हें भारत के भीतर से ही खुला समर्थन मिल रहा है. उन्होंने अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित करके उन्हें बांग्लादेश वापस भेजने के प्रयास शुरू करने का आग्रह किया. महासम्मेलन की अध्यक्षता बालेश्वर भगत जी ने की. मंच संचालन प्रदेश परावर्तन प्रमुख संजय वर्मा ने किया. सम्मेलन के अंत में सभी लोगों ने सामूहिक रूप से समरसता भोज ग्रहण किया. प्रान्त संघचालक सच्चिदानंद अग्रवाल जी, कबीर मठ के संत संतोष दास जी, कृष्ण चैतन्य ब्रह्मचारी जी सहित बड़ी संख्या में सरना सनातन धर्मावलम्बी उपस्थित थे.