तिरुवनंतपुरम. स्वदेशी वस्तुओं के पक्षधर रहे 74 वर्षीय फादर थॉमस कोचरी का 3 मई को तिरुवनंतपुरम में देहांत हो गया. थॉमस कोचरी ने दक्षिण भारत में स्वदेशी जागरण मंच के साथ मिलकर अनेक आंदोलनों में अग्रणी भूमिका निभाई थी. उन्होंने लोगों को स्वदेशी वस्तुओं के प्रति जगाया.
1991 में भारत सरकार ने समुद्र में मछली पकड़ने के लिये विदेशी जहाजों को अनुमति दी थी. इसका उन्होंने पुरजोर विरोध किया था जिसके चलते सरकार को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा था.
कोचरी जी मछुआरों और पर्यावरण की रक्षा के लिये सदैव तत्पर रहते थे. 1996 में स्वदेशी जागरण मंच ने 7 हजार किलोमीटर लंबी जल यात्रा निकली थी, इस यात्रा को सफल बनाने में कोचरी जी का विशेष योगदान था.
उन्हें श्रध्दांजलि देने के लिये देश के विभिन्न हिस्सों में अनेक कार्यक्रम किये जा रहे है.