पटना (विसंकें). नालंदा में बिहार शरीफ शहर के सकुनत मोहल्ले में शुक्रवार की रात कोविड-19 संदिग्धों की जांच करने पहुंची मेडिकल टीम व पुलिस पर पत्थरों से हमला किया गया. पुलिस की गाड़ी व एंबुलेंस में तोड़-फोड़ की. जिसके बाद अपनी जान बचाकर मेडिकल टीम को वहां से भागना पड़ा.
हॉट-स्पॉट बन चुका सकुनत क्षेत्र संदिग्ध माना जा रहा है. क्योंकि यहां पर अब तक 27 कोरोना संक्रमित मामले सामने आए हैं. यह शहर का अकेला ऐसा क्षेत्र है, जहां सबसे अधिक कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं. जिनमें एक सरकारी डॉक्टर, दर्जी, चाय वाला व ताड़ी विक्रेता भी शामिल है. इतना ही नहीं दर्जी की मां व बहन भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई है. ताड़ी विक्रेता के यहां रोजाना आने-जाने वाले 16 लोगों के सैम्पल लिए गए हैं और अभी भी पचास से साठ लोग संदिग्ध की श्रेणी में हैं, इन्हीं लोगों के सैम्पल लेने और उन्हें क्वारेंटाइन करने के लिए मेडिकल टीम रात में गई थी. परंतु स्थानीय लोगों द्वारा पथराव करने के कारण किसी का भी सैम्पल नहीं लिया जा सका.
जानकारी के अनुसार कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आए लोगों की दिन में भी तलाश की गई थी. लेकिन तलाश के बावजूद एक भी कोरोना संदिग्ध का पता नहीं चल पाया, इसलिए मेडिकल टीम रात में गई थी. ताकि सभी संदिग्ध अपने घर में मिल सकें और उनका सैम्पल लिया जा सके. पुलिस ने बताया कि स्थानीय लोगों का आरोप है कि मेडिकल टीम एंबुलेंस के साथ आधी रात में जांच के लिए आई थी और जब मेडिकल टीम जांच ने उनका कहना नहीं माना तो लोगों ने पथराव करना शुरू कर दिया.
वैश्विक महामारी से इस समय पूरा देश जूझ रहा है. शासन-प्रशासन लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग में रहने के लिए दिशा-निर्देश दे रहा है. स्वास्थ्य विभाग रात-दिन मरीजों का इलाज करने में जुटा है. संकट की घड़ी में मानव की रक्षा करने वाला केवल डॉक्टर ही है, जो हमें बचा सकता है. लोग सुरक्षित रहें इसके लिए मेडिकल टीम घर-घर जाकर संदिग्धों की जांच कर रही है, लेकिन कुछ मंदबुद्धि इन्हीं पर हमला कर रहे हैं. इन्हें ये समझ नहीं आ रहा कि अगर स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल टूटा तो हम सब कोई नहीं बचा सकता.