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पाक जेलों में कैद हैं 54 भारतीय सैनिक

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नई दिल्ली. पाकिस्‍तान ने 1965 और 1971 में हुई जंग के दौरान कुछ भारतीय सैनिकों को बंदी बना लिया था, जिसमें ने लगभग 54 जवान आज भी पाक जेलों में बंद हैं. लेकिन देश की रक्षा के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाले भारत के 54 सैनिक दशकों से पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं और इन्हें छुड़ाने के सभी प्रयास अब तक विफल रहे हैं.

एक आवेदन में पूछा गया था कि पाकिस्तान की जेलों में कितने भारतीय युद्धबंदी हैं और उन्हें छुड़ाने के क्या प्रयास किए जा रहे हैं. रक्षा मंत्रालय से यह भी पूछा गया था कि जब 1971 में पाकिस्तान ने 90 हजार से अधिक सैनिकों के साथ भारत के समक्ष समर्पण कर दिया था तो इस लड़ाई के युद्धबंदियों को उसी समय छुड़ा पाना संभव क्यों नहीं हो पाया.

आवेदन के जवाब में कहा गया है कि युद्धबंदियों को छुड़ाने के लिये मामले को सतत रूप से पाकिस्तान के समक्ष उठाया जाता रहा है. पाकिस्तान ने आज तक इन युद्धबंदियों के अपनी जेलों में होने की बात स्वीकार नहीं की है.

2007 में इन रक्षाकर्मियों के 14 रिश्तेदारों ने पाकिस्तान की जेलों का दौरा भी किया था, लेकिन वे युद्धबंदियों की वास्तविक शारीरिक उपस्थिति की पुष्टि नहीं कर सके थे. रक्षा मंत्रालय ने जवाब के लिये आवेदन की प्रति विदेश मंत्रालय को भी स्थानांतरित की थी.

विदेश मंत्रालय ने अपने जवाब में बताया है कि पाकिस्तान की जेलों में 54 भारतीय युद्धबंदियों के होने का विश्वास है. इनमें से छह रक्षाकर्मियों लेफ्टिनेंट वीके आजाद, गनर मदन मोहन, गनर सुजान सिंह, फ्लाइट लेफ्टिनेंट बाबुल गुहा, फ्लाइंग अफसर तेजिंदर सिंह सेठी और स्क्वाड्रन लीडर देव प्रसाद चटर्जी को 1965 के दौरान युद्धबंदी बनाया गया था, जबकि 48 रक्षाकर्मी 1971 की लड़ाई के दौरान बंदी बनाये गये थे.

भारतीय सेना के इन जांबाजों को 1965 और 1971 में हुई जंग के दौरान पाकिस्तान ने बंदी बना लिया था. रक्षा मंत्रालय ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत दायर आवेदन के जवाब में बताया है कि पाकिस्तान की जेलों में भारत के 54 युद्धबंदी कैद हैं जिन्हें 1965 और 1971 की लड़ाई के दौरान बंदी बना लिया गया था.

इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होगी कि अगर पाकिस्‍तान कहे कि उनके भी सैकड़ों जवानों को भारत ने बंदी बनाकर अपनी जेलों में रखा हुआ है. हाल ही में पाक उच्‍चायुक्‍त की ओर से बयान दिया गया था कि भारत की ओर से एलओसी पर 57 बार सीजफायर का उल्‍लंघन किया गया है, जबकि भारत की ओर से कहा जाता रहा है कि हमेशा पाक की ओर से ही सीजफायर का उल्‍लंघन होता रहा है.

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