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पालघर में संतों की हत्या के मामले की जांच केंद्रीय एजेंसियों से करवाई जाए

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

भोपाल (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्यभारत प्रान्त के प्रांत संघचालक सतीश पिंप्लीकर ने प्रतिनिधि मंडल के साथ मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन से मिलकर पालघर में हुई साधुओं की हत्या के विरोध में ज्ञापन सौंपा. राष्ट्रपति के नाम सौंपे ज्ञापन के माध्यम से यह मांग की गयी कि घटना की जांच केंद्रीय जांच एजेंसियों से निष्पक्ष रूप से कराई जाए, जिससे उक्त घटना में शामिल सभी लोगों के नाम सामने आ सकें और सभी षड्यंत्रकारी अपने अंजाम तक पहुंचें.

महाराष्ट्र के पालघर में  हिंदू धर्म के कल्पवृक्ष गिरी जी महाराज तथा सुशील गिरी जी महाराज और उनके ड्राइवर नीलेश तेलगढ़े की एक षड्यंत्र के तहत सैकड़ों हिंसक लोगों द्वारा हिंदू संतों की गाड़ी को रोका गया. जब हिंदू संतों ने अपना परिचय दिया तो भीड़ द्वारा जानबूझकर उनके साथ गंभीर रूप से मारपीट की गई. जब वे बचने के लिए कार में छुपे तो कार के अंदर बड़े-बड़े पत्थर फेंके गए और जब वे कार से निकले तो हिंसक क्रूर लोगों द्वारा जानबूझकर उन हिंदू संतो को पीट-पीटकर मार डाला गया.

घटना को दबा रही है महाराष्ट्र सरकार

उक्त घटना को देखने पर यह भली प्रकार से प्रकट हो रहा है कि हिंदू संतों की हत्या जानबूझकर हिंदू धर्म को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से तथा बहुसंख्यक समाज की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से की गई है. उक्त संपूर्ण घटनाक्रम एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत अंजाम दिया गया है, जिसके संबंध में निष्पक्ष जांच उपरांत ही वस्तुस्थिति सामने आ सकेगी. परंतु वर्तमान में घटना के पश्चात से लगातार महाराष्ट्र की सरकार द्वारा उक्त घटना को एक सामान्य घटना बताने की कोशिश की जा रही है, जबकि उक्त घटना के संबंध में अभी विवेचना पूर्ण नहीं हुई है.

हिन्दू समाज में बढ़ रहा है आक्रोश

इस घटना से देश के बहुसंख्यक समाज में अत्यंत आक्रोश है. भारत भूमि साधु संतों की भूमि है, साधु संत भारत के बहुसंख्यक समाज को दिशा देने का कार्य करते हैं. ऐसी स्थिति में यदि दिशा दिखाने वाले संतों को ही इस प्रकार से मारा जाएगा तो हिन्दू समाज में आक्रोश दिन प्रतिदिन बढ़ेगा.

सोशळ डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए तीन व्यक्तियों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल महोदय से मिला. जिसमें महाराज स्वदेश शांडिल्य, पूर्व न्यायाधीश एवं मध्यभारत के प्रान्त सह संघचालक अशोक जी पाण्डेय, प्रसिद्ध ह्रदय रोग विशेषज्ञ एवं विभाग सह संघचालक डॉ. राजीव शेट्टी शामिल थे.

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