नई दिल्ली. बहुचर्चित कार्यक्रम कौन बनेगा करोड़पति का 12वां सीजन शुरू होने वाला है. लेकिन प्रतिभाओं की परख कर उनको करोड़पति बनाने का सिलसिला थमा नहीं है. वर्ष 2001 में कौन बनेगा करोड़पति जूनियर के इसी बहुचर्चित कार्यक्रम में अलवर राजस्थान के रवि मोहन ने भी भाग लिया था और उन्होंने 15 सवालों के बिल्कुल सटीक उत्तर देकर एक करोड़ की राशि अपने नाम की थी. कहते हैं न कि ‘पूत के पांव पालने में दिख जाते हैं’.
आज रविमोहन ने फिर से अपनी सफलता के कारण चर्चा में हैं. केबीसी जूनियर के विजेता 33 वर्षीय रविमोहन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए आयोजित परीक्षा में सफलता प्राप्त की और अब गुजरात के पोरबंदर में एसपी के रूप में नियुक्त हुए हैं. अपनी योग्यता और देश सेवा के प्रति दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण पुनः चर्चा में हैं.
महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज जयपुर से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की. फिर दो असफल प्रयासों के बाद वर्ष 2014 में रवि ने प्रशासनिक सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की और ऑल इंडिया रैंक 416 हासिल किया. इंडियन पुलिस सर्विस (IPS) के लिए सिलेक्ट हुए.
बतौर आईपीएस उनको एसपी पोरबन्दर में पहली नियुक्ति मिली है, इससे पहले राजकोट में डीएसपी के रूप में तैनात थे. 26 मई को उन्होंने एसपी के रूप में पदभार संभाला. लोग भले ही कौन बनेगा करोड़पति जूनियर कार्यक्रम को भूल गए हों, लेकिन रविमोहन ने आईपीएस बनकर 2001 के पलों को फिर से जीवंत कर दिया है.
पिता की प्रेरणा ने दी आईपीएस बनने की ताकत
रवि मोहन के पिता नेवी से सेवानिवृत अधिकारी हैं. उन्होंने पिता से प्रेरित होकर ही आईपीएस को अपना कैरियर चुना ताकि देश सेवा कर सकें. रविमोहन का कहना है कि उनको वर्दी हर बार देशसेवा के लिए प्रेरित करती थी, उस समय वह अपने नेवी अफसर पिता को देखकर देशसेवा के जज्बे से भर जाते थे. उनके लिए पिता सबसे बड़े प्रेरणा पुंज रहे हैं, जिसके कारण वह आज इस मुकाम को हासिल कर पाए.
रवि स्कूल के समय से विशिष्ट प्रतिभा के धनी रहे हैं. केबीसी जूनियर में एक करोड़ रुपये की राशि जीती थी, उस समय वे 10वीं कक्षा में पढ़ते थे. उनके पिता कहते हैं कि मेडिकल की पढ़ाई के बाद उन्होंने अध्ययन करके 2014 में यूपीएससी की परीक्षा को उतीर्ण की. इससे पहले वह 2012 में आईपी टेलीकम्युनिकेशन में चयनित हुए थे और वह 8 महीने की ट्रैंनिग भी कर चुके हैं. उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनके मित्र भी उनको सिविल सर्विसेज की तैयारी करने की ही सलाह देते थे. रवि मोहन के बडे़ भाई शशि मोहन इंजीनियर और बहन शमा सैनी अध्यापक हैं.