लखनऊ. अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किए जाने की 22वीं बरसी से पहले अदालत में राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिद मामले के पैरोकार हाशिम अंसारी ने इस स्थल पर श्रीराम मंदिर निर्माण किये जाने की वकालत करते हुए खुद को मुकदमे से अलग करने की घोषणा की है.
अंसारी ने 2 दिसंबर की रात में इस मामले का राजनीतिकरण किये जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए इस मसले का राजनीतिक लाभ उठाने के लिये प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री आजम खां की आलोचना की. हाशिम अंसारी ने आरोप लगाया कि राजनीतिक फायदे के लिये सभी पार्टियों ने अयोध्या मसले का राजनीतिकरण किया. हाशिम कथित बाबरी मस्जिद पर हो रही सियासत से दुखी हैं. उन्होंने कहा कि रामलला तिरपाल में रह रहे हैं और उनके नाम की राजनीति करने वाले महलों में. अब रामलला को आजाद देखना चाहता हूं.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि इस समय मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन इस मामले से वह खुद को अलग कर रहे हैं और छह दिसंबर को विवादित ढांचा गिराये जाने की बरसी पर आयोजित होने वाले किसी कार्यक्रम में शिरकत नहीं करेंगे. हाशिम अंसारी ने कहा कि छह दिसंबर को मैं अपने कमरे में ही रहूंगा.
हाशिम अंसारी द्वारा मसले से किनारा करने पर राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. अखिलेश ने कहा कि इस मसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने का यह उचित समय नहीं है.