बैंकाक(थाईलैंड). सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा भारत व बैंकाक के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आर्य सम्मलेन का आयोजन किया गया जिस में भारत मॉरीशस, कनाडा अमेरिका, लंदन थाईलैंड के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. दक्षिण पूर्व एशिया में आर्य वैदिक संस्कृति के विस्तार के लिये बहुत से विद्वानों के विचार सामने आये.
योग व ध्यान के अभ्यास वर्ग भी आयोजित किए गये. 9 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय आर्य महिला सम्मलेन का आयोजन किया गया. इस सम्मलेन का मंच संचालन डॉ. विजय प्रभा ने किया. उन्होंने दक्षिण पूर्व एशिया में आर्य वैदिक संस्कृति के विस्तार के विषय में अपने विचार रखते हुए कहा कि भारत व मॉरीशस से प्रचारक निकल कर इन देशों में पहले से स्थापित आर्य समाजों के अधिकारियों के साथ कदम मिला कर उस समाज के 100 किलोमीटर की परिधि में चारों दिशाओं में आर्य समाज की स्थापना कर के वैदिक संस्कृति का विस्तार कर के भारत वर्ष को विश्व गुरु बनाने में अपना योगदान दें. महिलाओं की संगठनात्मक शक्ति का प्रयोग कर के महिलाओं को भी उन्होंने अधिक से अधिक योगदान देने का आह्वान किया.
डॉ विजय प्रभा ने बाढ़ ग्रस्त कश्मीर की अपनी यात्रा के अनुभव विस्तार से बताये. उन्होंने आर्य समाज के प्रचारकों व विस्तारकों से कश्मीर में लुप्त हो गयी आर्य वैदिक संस्कृति को पुनर्स्थापित करने का आह्वान किया और अपना समय भी कश्मीर में लगानेकी पेशकश की. आर्य समाज के विद्वानों व अधिकारियों ने इस विषेय की गंभीरता को समझते हुए इस दिशा में कदम उठाने का आश्वासन दिया.