मेरठ. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख भागय्या जी ने संस्कारहीन आधुनिकता की बढ़ती प्रवृत्ति को राष्ट्र के लिये घातक बताते हुये इस पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि आधुनिकता का विरोध नहीं है. किन्तु संस्कारहीन आधुनिकता राष्ट्र के लिये घातक है. उन्होंने कहा कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिये हम समय दे रहे हैं, लेकिन परिवार में अच्छे बदलावों के लिये भी समय देना आवश्यक है.
श्री भागय्या जी ने विश्व संवाद केन्द्र मेरठ पर भारत विकास परिषद् की मेरठ-मवाना इकाइयों द्वारा आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि देश भर में सेवा भाव और सेवा कार्य बढ़े हैं. लेकिन फिर भी हिंसा, दुराचार, भ्रष्टाचार और वैमनस्य भी बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि भोजन, पैसा, दवा आदि का सहयोग करना अच्छी बात है लेकिन उससे भी अच्छा है कि सामाजिक सम्मान देना. हम सब एक सांस्कृतिक परिवार है यह भाव जगाना परम आवश्यक है. गोष्ठी में भारत विकास परिषद् की इकाइयों द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न सेवा कार्यों की जानकारी भी दी गयी.
Unity and regular communication is base for better family and society environment. .