जयपुर. भारत एक सहनशील और शांतिप्रिय देश है. हिन्दुस्तान की सभ्यता और संस्कृति महान है. ये विचार जयपुर में आयोजित लिटरेचर फेस्टिवल में ‘द ग्रेट सरवाइवर’ नामक सत्र को संबोधित करते हुए अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई जी ने व्यक्त किए. करजई ने भारत की संस्कृति की जमकर तारीफ की. अफगानिस्तान में तालिबान की क्रूरता के राज के खात्मे के बाद देश के नवनिर्माण में भारत ने सबसे पहले मदद की. मैं भारत के लोगों को बहुत प्यार करता हूं. पाक की आलोचना करते हुए अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा कि अफगान नीति में पाकिस्तान ने बहुत गलतियां की हैं, अब उन्हें गलतियां सुधारनी चाहिए. पाकिस्तान में सेना और वहां की खुफिया एजेंसियां समस्या हैं. मैं गांधीवादी विचारों को मानता हूं, लेकिन जब तालिबान ने अटैक किया तो हम उनसे लड़े. उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान के शासन और उससे मुक्ति तक के सफर पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि वह भारतीय फिल्मों और गानों को बहुत पसंद करते हैं. वह लता मंगेशकर और रफी के गानों को खूब सुनते हैं. करजई ने बताया कि उन्होंने रवीन्द्रनाथ टैगोर की गीतांजलि और कालिदास की किताबों का काफी अध्ययन किया है. अपने पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने शिमला का भी जिक्र किया. मैं शिमला में ही रहना चाहता था. अफगानिस्तान में सोवियत सेना के घुसने की खबर के बाद मैं खुद को रोक नहीं पाया और देश लौट गया. शिमला रहने का मेरा सपना अधूरा रह गया.
साभार – दैनिक जागरण