नयी दिल्ली. लोकसभा सदस्य डॉ. उदितराज का कहना है कि आज संस्कार के क्षेत्र में कार्य करने की उतनी ही आवश्यकता है, जितनी विकास की. भारत विकास परिषद को सेवा एवं संस्कार के क्षेत्र में अव्दितीय संगठन बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब युवा पीढ़ी पाश्च्यात संस्कृति से प्रभावित हो रही है, परिषद की उपयोगिता और भी बढ़ जाती है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस दिशा में परिषद अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी.
भारत विकास परिषद के 52 वें स्थापना दिवस पर भाविप दिल्ली प्रदेश उत्तर द्वारा टेक्निया ऑडिटोरियम रोहिणी में भव्य समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में बतौर मुख्य अतिथि क्षेत्रीय सांसद डॉ. उदितराज एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री सुरेंद्र कुमार वधवा, राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री सुरेश चंद्र गुप्ता, पूर्व महापौर एवं भाविप दिल्ली प्रदेश उत्तर के मुख्य संरक्षक श्री महेश चंद्र शर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री भूपेंद्र मोहन भंडारी एवं राष्ट्रीय संयोजक (पब्लिसिटी) श्री राजकुमार जैन की गरिमामयी उपस्थिति रही. समारोह की अध्यक्षता भाविप दिल्ली प्रदेश उत्तर के अध्यक्ष श्री संजीव मिगलानी ने की.
श्री सुरेंद्र कुमार वधवा ने कहा कि किसी भी कार्य के लिये संकल्प जरूरी है. शुभ संकल्प एवं पूर्ण समर्पण हो तो सफलता अवश्य मिलती है. सेवा की भावना मन में हो तो सहयोगी भी स्वतः तैयार हो जाते हैं.
श्री सुरेश चंद्र गुप्ता, श्री महेश चंद्र शर्मा एवं श्री राजकुमार जैन ने परिषद की स्थापना, उद्देश्य एवं उपलब्धियों की चर्चा करते हुए विश्वास जताया कि परिषद की करीब 1,200 शाखाओं के एक लाख से अधिक स्वत:स्फूर्त कर्मयोगी राष्ट्रोत्थान एवं जन कल्याण के क्षेत्र में नित नयी उपलब्धियां अर्जित करेंगे.
समारोह के दौरान युवा कवयित्री श्रीमती ऋतु गोयल एवं सुश्री स्निग्धा दास की राष्ट्रप्रेम तथा मानवीय संवेदनाओं से जुड़ी बेहतरीन काव्य प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया. श्री संजीव मिगलानी ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया. समारोह का कुशल संचालन भाविप दिल्ली प्रदेश उत्तर के महासचिव श्री नरेंद्र सिंघल ने किया. इसके आयोजन में भाविप दिल्ली प्रदेश उत्तर की कमला नगर एवं प्रशांत विहार शाखा की महत्वपूर्ण भूमिका रही.