भोपाल. प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक जे. नंदकुमार जी ने कहा कि भारत में अनेक प्रकार की विविधताएं हैं. किंतु, सबको एक तत्व बांधकर रखता है. यह तत्व हिन्दुत्व है. हिन्दुत्व ही भारत की राष्ट्रीयता है. नेताजी सुभाषचंद्र बोस से लेकर रवीन्द्रनाथ टैगोर तक ने भी यही कहा है. वे यंग थिंकर्स कॉन्क्लेव के समापन समारोह में संबोधित कर रहे थे. समापन सत्र में मुख्य अतिथि महापौर आलोक शर्मा जी थे और अध्यक्षता राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील कुमार जी ने की.
नंदकुमार जी ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कहा था – हम चाहे भारत के उत्तर में जाएं, या दक्षिण में, पूर्व में जाएं या फिर पश्चिम में, भारत की संस्कृति एक ही है. भारत को किस संस्कृति ने एकसूत्र में जोड़ रखा है? इसका उत्तर देते हुए नेताजी कहते हैं, वह तत्व है – हिन्दुत्व, हिन्दुत्व, हिन्दुत्व. भारत की राष्ट्रीयता हिन्दुत्व है.
नंदकुमार जी ने रवीन्द्रनाथ टैगोर का उल्लेख करते हुए कहा कि गुरुदेव ने भी अपनी पुस्तक ‘स्वदेशी समाज’ में लिखा है कि हम किसी को अलग नहीं मानते. हम किसी को शत्रु नहीं मानते. यहाँ हिन्दू, मुस्लिम और ईसाई आपस में एक बिंदु पर मिलते हैं. यह बिंदु हिन्दुत्व है. कम्युनिस्ट विचारक कार्ल मार्क्स ने भी अपनी पुस्तक और लेखों में लिखा है कि भारत का मुख्य तत्व हिन्दुत्व है. नंदकुमार जी ने प्रसिद्ध लेखक एवं चिंतक वीएस नॉयपॉल के देहांत पर अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की. उन्होंने कहा कि नॉयपॉल ने भी हिन्दुत्व को भारत का मूल तत्व बताया है. उन्होंने हिन्दू संस्कृति पर हुए आक्रमणों को साहस के साथ लिखा है.
नंदकुमार जी ने कहा कि दुनिया में मान्यता है कि राष्ट्र का निर्माण सैन्य ताकत और सरकार के बिना नहीं हो सकता. किन्तु, भारत इस धारणा को तोड़ता है. भारत संस्कृति के आधार पर एक राष्ट्र है. हरियाणा के राखीगढ़ी में पुरातत्व सर्वेक्षण के दौरान कराई गई खुदाई में प्राप्त प्रमाणों से यह बात आसानी से समझी जा सकती है. खुदाई में प्राप्त प्रमाणों ने सिद्ध कर दिया है कि भारत में संस्कृति आधारित एक राष्ट्र की अवधारणा दस हजार वर्ष पहले से है. उन्होंने कहा कि विश्व को बचाना है तो भारत का भारत बने रहना आवश्यक है. इसके लिए भारत को ताकतवर बनाने की भी आवश्यकता है. पूरे विश्व को मार्ग दिखाने के लिए हमें सामर्थ्यवान होना होगा. हमारे युवा सभी देशों में भारत का विचार लेकर पहुँचें. यंग थिंकर्स कॉन्क्लेव जैसे आयोजनों को उन्होंने युवाओं के लिए आवश्यक बताया.
कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि महापौर आलोक शर्मा जी ने कहा कि हिन्दुस्तान का नौजवान जागता है, तो इतिहास बदल देता है. कुलपति प्रो. सुनील कुमार जी ने कहा कि इस सभागार की दीवारें मौन हैं, लेकिन आपके इस आयोजन की गूँज सभागार को वर्षों तक गुंजायमान रखेगी. इस आयोजन ने सिद्ध किया है कि विश्वविद्यालय वही है, जहाँ चिंतन हो, मनन हो. विद्यार्थी चिंतन करें और मनन करें. इससे पूर्व कार्यक्रम का प्रतिवेदन सह-संयोजक आशुतोष ठाकुर जी ने प्रस्तुत किया. सत्र का संचालन अभिलाष ठाकुर जी ने किया और आभार व्यक्त कॉन्क्लेव के संयोजक डॉ. संजीव शर्मा जी ने किया.