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भोपाल में सहकार भारती ने मनाया स्थापना दिवस

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भोपाल (विसंकें). सहकार भारती भोपाल महानगर द्वारा सहकार भारती स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह अशोक अग्रवाल जी, सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग जी, सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे. भारतमाता के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर सहकार गीत के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ. मंच संचालन करते हुए सहकार भारती के मध्यभारत प्रांत के महामंत्री उमाकांत दीक्षित जी ने कार्यों की जानकारी दी एवं अतिथियों का परिचय करवाया. मंचासीन अतिथियों का स्वागत महानगर अध्यक्ष आशाराम शर्मा ने किया.

सहकार के क्षेत्र में कार्य कर रहा सहकार भारती राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक आनुषांगिक संगठन है. पुणे में सहकार भारती की स्थापना सन् 1978 में हुई थी. सहकारिता के आंदोलन को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से 11 जनवरी 1979 को मुंबई में सामाजिक संस्था की स्थापना हुई. इसके संस्थापक अध्यक्ष स्व. माधवराव गोडबोले जी थे, जिन्होंने सांगली में जनता सहकारी बैंक की शुरुआत की थी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह अशोक अग्रवाल जी ने कहा कि प्रदेश में सहकारिता आन्दोलन दम तोड़ रहा है. इसके लिए वे लोग जिम्मेदार हैं, जिन्होंने सहकारिता का उपयोग राजनीतिक हित साधने के लिए किया.

सहकार भारती के प्रदेश अध्यक्ष शिवनारायण पाटीदार जी ने कहा कि गांव से शहर की तरफ लोगों का पलायन रोकना है तो सहकारिता को अपनाना होगा. ऐसा नहीं किया तो स्थिति अधिक खराब होगी. सहकार भारती के क्षेत्र संगठन प्रमुख इन्दर सिंह सेंगर जी ने कहा सहकारिता के क्षेत्र में मध्य प्रदेश की स्थिति गुजरात, महाराष्ट्र की तुलना में बहुत खराब है. सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग जी ने कहा कि पार्किंग से लेकर पर्यटन तक को हम सहकारिता से जोड़ रहे हैं. संयुक्त परिवार में तो सहकारिता है ही, अकेले परिवार में सहकारिता होती है. हम यह मानते हैं कि जिस उद्देश्य को लेकर सहकारिता आई थी, उसमें अब कमी आ गई है. लोग कहते हैं, जीवन की जरुरत रोटी, कपड़ा और मकान है, लेकिन ये चीजें तो जेल में भी मिल जाती है. रोटी, कपड़ा और मकान के साथ समाज, परिवार और मित्र-बांधवों का होना भी आवश्यक है. सहकारिता में विघटन हुआ यह सच है, लेकिन यह विघटन केवल सहकारिता में नहीं बल्कि व्यक्ति का भी अवमूल्यन हुआ है. आज व्यक्ति बिगड़ गया है, इसलिए हर समाज में अवमूल्यन और विघटन की स्थिति देखने को मिल रही है. उन्होंने सहकारी मंथन जैसे नवाचार आरंभ किए हैं, जिनके अच्छे परिणाम आने लगे हैं.

कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष सहकार भारती भारत चतुर्वेदी, मध्यभारत प्रांत के अध्यक्ष बाबूलाल ताम्रकार ने भी सहकार भारती से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी. सहकार मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ.

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