झारखंड (विसंकें). स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल जी ने कहा कि मंच का दूसरा नाम ही आंदोलन और संघर्ष है. इसलिए मंच अपनी मांगों को लेकर आंदोलन संघर्ष से पीछे नहीं हटेगा. वे शनिवार को तुलसी भवन में स्वदेशी जागरण मंच संघर्ष वाहिनी की ओर से आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आंदोलन एक कठिन रास्ता है, लेकिन योजनाबद्ध तरीके से की जाए तो सफलता निश्चित है. ऐसे कई आंदोलनों और संघर्ष के रास्ते का इतिहास यही बताता है. हमने आज तक जितनी भी लड़ाइयां लड़ी है, उसमें हमें विजय प्राप्त हुई है. कारण मंच का उद्देश्य स्पष्ट और जनहित में था. मूलभूत सुविधाओं पर अगर बड़ी कंपनियों का एकाधिकार हो जाएगा, तो आम आदमी का जीना दूभर हो जाएगा.
मंच के राष्ट्रीय संघर्ष वाहिनी प्रमुख अनंदा शंकर पाणिग्रही जी ने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच नेतृत्व के बजाए मुद्दों को महत्वपूर्ण मानकर संघर्ष करता है. हम आर्थिक आजादी की लड़ाई के पक्षधर हैं. आप अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर आंदोलन करें. आंदोलन के समय यह नहीं देखना चाहिए कि सामने वाला कौन है. अगर वह मुद्दा देश के विरोध में है, तो हमें जोरदार और संवैधानिक ढंग से आंदोलन कर उसे उस निर्णय को वापस लेने के लिए बाध्य करना चाहिए.
इससे पूर्व स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक अरुण ओझा, राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल, अनंदा शंकर पाणिग्रही, दीपक शर्मा, सतीश कुमार और बंदे शंकर सिंह ने संयुक्त रूप से भारत माता, महात्मा गांधी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और दतोपंत ठेंगड़ी जी के चित्र पर माल्यार्पण कर समारोह का उद्घाटन किया. कार्यक्रम में स्वागत भाषण बंदे शंकर सिंह ने दिया. संचालन राजकुमार साह और धन्यवाद ज्ञापन राकेश पांडे ने किया.