शिमला (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिमाचल के प्रांत प्रचारक संजीवन कुमार जी ने कहा कि रक्त की कोई जाति नहीं होती, वह सबकी एकसमान जान बचाता है. रक्त के समान ही बिना भेदभाव के सामाजिक विषमताओं को दूर करना होगा. उन्होंने सामाजिक एकीकरण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यों के बारे में कहा कि संघ से जुड़ने वाले किसी भी व्यक्ति से कभी भी जाति नहीं पूछी जाती. संघ को प्रारम्भ करने वाले डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे पेशे से चिकित्सक थे, लेकिन उन्होंने निश्चय किया कि वह मानव के मन की चिकित्सा करेंगे. उन्होंने सामाजिक चेतना से समाज को एकीकृत करने का बीड़ा उठाया और अपना पूरा जीवन इसके लिए बलिदान कर दिया. संजीवन जी डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति द्वारा शिमला के रिज मैदान पर रविदास जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित रक्तदान शिविर के दौरान संबोधित कर रहे थे.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि शिक्षा, संसदीय कार्य व विधि मंत्री सुरेश भारद्वाज जी, मुख्य वक्ता के रूप में संजीवन जी उपस्थित थे. संजीवन जी ने भारतीय संत परम्परा का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में जितने भी महापुरूष हुए उन्होंने अपने विचारों को किसी एक वर्ग तक सीमित नहीं रखा. उन्होंने चित्तौड़ के किले में बने मंदिर के बारे में कहा कि जहां कृष्णभक्त मीरा का मंदिर है, वहीं उनके गुरू रविदास का भी मंदिर बना है. महापुरूषों के समय में कोई वर्गगत भेदभाव नहीं रहे. लेकिन भारत में मुगलों के आक्रमण के बाद देश में अनेक मत पैदा हो गये. जिसका परिणाम यह हुआ कि आज अगर रविदास जयंती होती है तो एक समुदाय विशेष इसको मनाता है, जब कोई अन्य जयंती होती है तो एक अन्य वर्ग विशेष उसको मनाता है. इसी प्रकार देश अनेक टुकड़ों में विभाजित है. उन्होंने समाज के प्रबुद्ध वर्ग का आह्वान किया कि वह सामाजिक विषमताओं को दूर करने के लिए एकजुट होकर काम करें ताकि सामाजिक समरसता का वातावरण तैयार किया जा सके.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुरेश भारद्वाज जी ने कहा कि संघ अपने कामों द्वारा जातिगत भेदभाव को दूर करने का काम लगातार करता आ रहा है. आज देश के करोड़ों लोग संघ विचार से प्रभावित हैं. सब महापुरूषों ने वर्ग भेद के बिना सामाजिक उत्थान का काम किया है. उन्होंने रविदास जयंती के कार्यक्रम को सब वर्गों के साथ सम्मिलित रूप से मनाने के लिए डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने समाज को समरस बनाने के लिए इस पुनीत कार्य में सबको भागीदार बनने का आह्वान किया. कार्यक्रम अध्यक्ष बोधराज शर्मा और रविदास धर्मसभा के अध्यक्ष कर्मचंद भाटिया ने उपस्थित लोगों का धन्यवाद किया.