नई दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद द्वारा (18 -26 वर्ष के) युवा अप्रवासी भारतीयों के लिये भारत जानो कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें 13 देशों से आये भारतवंशी युवाओं ने भाग लिया. कार्यक्रम का उद्देश्य उन लोगों (जिनका भारत से किसी भी प्रकार का सम्बन्ध है, या जिनके पूर्वज हमारे देश से गये थे) को भारत की सामजिक, सांस्कृतिक विरासत से परिचय कराना था. 13 देशों के इस प्रतिनिधि मंडल ने लगभग तीन सप्ताह तक देश के विभिन्न हिस्सों तक भ्रमण किया.
अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद के महासचिव श्री श्याम परांडे के स्वागत भाषण से कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ. इसके बाद विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारी सूरीनाम की भारत में राजदूत आशना कन्हाई ने भारत के सन्दर्भ में अपने अनुभव बांटे. उन्होंने एक भोजपुरी गीत सुनाकर श्रोताओं को मन्त्र -मुग्ध कर दिया. म्यांमार के मंत्री श्री शान -उमांग ने भी भारत से अपने भावनात्मक जुड़ावों की चर्चा की.
विभिन्न देशों से आये भारतवंशी युवाओं ने भारत के सन्दर्भ में अपने अनुभव साझा किये. सुखद अनुभव यह रहा की जिन संस्कारों और परम्पराओं को हम भारत में रहकर भी भूलते जा रहे हैं, उनको ये लोग अब भी सहेजे हुये हैं.
कार्यक्रम को अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद के अध्यक्ष श्री शशांक जी और निदेशक श्री सिन्हा जी ने भी सम्बोधित किया.